हरिद्वार के जिलाधिकारी मयूर दीक्षित ने सीएम हेल्पलाइन एवं जनसुनवाई पोर्टल पर प्राप्त शिकायतों के निस्तारण में लापरवाही बरतने पर 5 अधिकारियों का जून माह का वेतन रोक दिया है। यह निर्णय जिला कार्यालय सभागार में हुई समीक्षा बैठक के दौरान लिया गया, जहां शिकायतों के धीमे निस्तारण पर डीएम ने नाराजगी जताई।
किन अफसरों पर गिरी गाज?
इन अधिकारियों का वेतन रोका गया है:
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जिला शिक्षा अधिकारी (बेसिक)
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चकबंदी अधिकारी, रुड़की
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अधिशासी अधिकारी, शिवालिक नगर
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तहसीलदार, हरिद्वार
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तहसीलदार, रुड़की
इन सभी को कारण बताओ नोटिस भी जारी किया गया है।
जनसमस्याओं के निस्तारण में देरी अब नहीं चलेगी
डीएम दीक्षित ने अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश देते हुए कहा कि “जन समस्याओं का समाधान समयबद्ध ढंग से होना चाहिए। लापरवाही या देरी को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।” उन्होंने यह भी कहा कि अधिकारी स्वयं शिकायतकर्ता से फोन पर संपर्क कर समस्या का समाधान सुनिश्चित करें।
जनसुनवाई में आए 32 फरियादी
समीक्षा बैठक के साथ-साथ डीएम मयूर दीक्षित ने जनसुनवाई भी की, जिसमें 32 लोगों ने अपनी समस्याएं दर्ज कराईं। इनमें बिजली कनेक्शन, अतिक्रमण, भूमि मापन, जलभराव जैसी समस्याएं शामिल रहीं।
डीएम ने अधिकांश समस्याओं का मौके पर ही समाधान किया और बाकी शिकायतों को संबंधित विभागों को सौंपते हुए जल्द रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए।
शिकायतों की रोजाना मॉनिटरिंग अनिवार्य
डीएम ने कहा कि अब सीएम हेल्पलाइन पर दर्ज शिकायतों की मॉनिटरिंग प्रतिदिन की जाएगी और यह देखा जाएगा कि संबंधित अधिकारी शिकायतकर्ता से संवाद कर समाधान दे रहा है या नहीं।
निष्कर्ष
हरिद्वार डीएम का यह कदम न केवल प्रशासनिक सख्ती का प्रतीक है, बल्कि यह स्पष्ट संदेश देता है कि जन समस्याओं की अनदेखी अब किसी भी स्तर पर स्वीकार नहीं की जाएगी।
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