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देहरादून, बुजुर्ग माता-पिता को उनके ही बेटे द्वारा घर से निकाले जाने की दर्दनाक कहानी का अंत अब न्यायपूर्ण फैसले के साथ हुआ है। देहरादून के जिलाधिकारी सविन बंसल ने ‘भरण-पोषण एवं कल्याण अधिनियम’ की विशेष शक्तियों का प्रयोग करते हुए मात्र तीन दिन के भीतर 3080 वर्ग फीट की गिफ्ट डीड संपत्ति को रद्द कर बुजुर्ग दम्पति के नाम वापस कर दी। यह फैसला न केवल त्वरित न्याय का प्रतीक है, बल्कि समाज में बुजुर्गों के सम्मान और अधिकारों की पुनर्स्थापना का भी एक मजबूत संदेश देता है।
पीड़ित सरदार परमजीत सिंह और उनकी पत्नी अमरजीत कौर ने अपनी चल-अचल संपत्ति – दो बड़े हॉल युक्त बंगला-बिजनेस – अपने पुत्र गुरविंदर सिंह के नाम गिफ्ट डीड के ज़रिए की थी, जिसमें स्पष्ट शर्तें थीं कि बेटा माता-पिता की देखभाल करेगा और उन्हें अपने साथ रखेगा। लेकिन संपत्ति हाथ में आते ही बेटा शर्तें भूल गया। न सिर्फ माता-पिता को घर से बाहर कर दिया, बल्कि पोते-पोतियों से मिलने तक पर रोक लगा दी।
तहसील, थाने और अवर न्यायालय तक दौड़ने के बाद, बुजुर्ग दम्पति ने डीएम न्यायालय की शरण ली, जहां पहली ही सुनवाई में डीएम बंसल ने संज्ञान लेते हुए गिफ्ट डीड को तत्काल प्रभाव से निरस्त कर दिया।
न्यायालय में छलके आंसू, बेटे की नाफरमानी पड़ी भारी
डीएम ने पूरी विधिक प्रक्रिया के तहत जवाब के लिए विपक्षी को पर्याप्त अवसर दिया। नोटिस और सार्वजनिक सूचना के बावजूद गुरविंदर सिंह न्यायालय में न तो उपस्थित हुआ और न ही कोई आपत्ति दर्ज कराई। शर्तों की अवहेलना और माता-पिता के तिरस्कार पर डीएम बंसल ने न्याय की कलम चलाई और फैसला बुजुर्ग दम्पति के पक्ष में दिया।
जैसे ही आदेश सुनाया गया, बुजुर्ग दम्पति की आंखों से आंसू छलक पड़े। वर्षों से उपेक्षा और अपमान झेल रहे इस जोड़े को आखिरकार इंसाफ मिला।
प्रशासनिक कार्यप्रणाली बनी मिसाल
जिलाधिकारी सविन बंसल की संवेदनशील, त्वरित और प्रभावशाली कार्यशैली एक बार फिर जनमानस के लिए मिसाल बनी है। उनका यह फैसला न केवल कानून की शक्ति को दर्शाता है, बल्कि समाज को यह चेतावनी भी देता है कि माता-पिता की उपेक्षा करने वालों को अब न्याय से नहीं बचाया जा सकता।
प्रमुख बिंदु:
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3080 वर्गफीट की गिफ्ट डीड संपत्ति हुई रद्द
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पहली सुनवाई में ही डीएम ने सुनाया फैसला
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बेटे द्वारा माता-पिता को घर से बाहर निकालने और पोते-पोतियों से न मिलने देने पर कार्रवाई
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भरण-पोषण अधिनियम के तहत विशेष शक्तियों का प्रयोग
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डीएम की संवेदनशीलता और न्यायप्रियता की सराहना
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