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डॉक्टर नदारद, दवाइयों की भारी कमी, सफाई और सुरक्षा व्यवस्था लापरवाह
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डीएम सविन बंसल के नेतृत्व में 4 प्रशासनिक टीमें अलग-अलग स्थानों पर पहुंचीं
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कंपनी पर ₹5 लाख जुर्माना, अनुबंध समाप्त करने की मुख्य सचिव से सिफारिश
लेख की शुरुआत (Introduction):
देहरादून, 30 जुलाई 2025:
देहरादून में पीपीपी (पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप) मोड पर संचालित 12 अर्बन पीएचसी (प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों) पर जिलाधिकारी सविन बंसल के नेतृत्व में तड़के एक साथ छापेमारी की गई। इस औचक निरीक्षण में डॉक्टरों की अनुपस्थिति, एएनएम और नर्सों की भूतिया एंट्री, दवाइयों की भारी कमी, सफाई और सुरक्षा जैसे मूलभूत मानकों की घोर अनदेखी सामने आई है।
मुख्य बिंदु (Main Highlights – H2):
1. DM और टीम का सुनियोजित छापा
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डीएम सविन बंसल, मुख्य विकास अधिकारी अभिनव शाह, एसडीएम सदर हरी गिरी और एसडीएम मुख्यालय अपूर्वा सिंह ने अलग-अलग क्षेत्रों में एक साथ 12 अर्बन पीएचसी पर छापा मारा।
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निरीक्षण सुबह 9 बजे से शुरू हुआ और पूरे शहर में स्वास्थ्य सेवाओं की सच्चाई सामने आ गई।
2. डॉक्टर, स्टाफ और उपकरण नदारद
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अधिकांश केंद्रों पर डॉक्टर, एएनएम, लैब टेक्नीशियन और स्टाफ अनुपस्थित पाए गए।
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कई पीएचसी सिर्फ एक वार्ड आया और एएनएम के भरोसे चल रही थीं।
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बायोमेट्रिक उपस्थिति में गड़बड़ियों की जांच के लिए 3 माह का डेटा मांगा गया है।
3. बुनियादी सुविधाएं गायब
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केंद्रों में जनरेटर, पेयजल, बैठने की व्यवस्था, आरओ, सफाई, शौचालय, टीकाकरण कक्ष तक अनुपस्थित पाए गए।
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दवाइयां भी अधूरी मिलीं, कई जगह स्टॉक रजिस्टर ही मौजूद नहीं था।
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फ्रिज में रखी दवाइयों को सुरक्षित रखने की कोई ठोस व्यवस्था नहीं थी।
4. कंपनी पर ₹5 लाख जुर्माना और टर्मिनेशन की सिफारिश
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अक्षांस/चित्रांश जेवीके प्रा. लि. पर ₹5 लाख का प्रारंभिक अर्थदंड लगाया गया।
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एमओयू की शर्तों का उल्लंघन पाए जाने पर कंपनी के अनुबंध को समाप्त करने की सिफारिश मुख्य सचिव को भेजी गई है।
5. बायोमेडिकल वेस्ट और पैथोलॉजी लैब की अनियमितताएं
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बायोमेडिकल वेस्ट को सामान्य कचरे के साथ निस्तारित किया जा रहा था।
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लैब टेस्ट और अन्य सेवाओं में भारी लापरवाही सामने आई।
सीधे शब्दों में कहें तो, देहरादून जिला प्रशासन की यह कार्यवाही न केवल पीपीपी मोड पर संचालित अस्पतालों की सच्चाई उजागर करती है, बल्कि जनस्वास्थ्य को लेकर प्रशासन की गंभीरता का संकेत भी देती है। जिलाधिकारी द्वारा यह स्पष्ट किया गया है कि किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी और एमओयू की समीक्षा कर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
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