देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि उत्तराखंड सरकार प्रदेश में आयुर्वेद को बढ़ावा देने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। इसके तहत प्रत्येक जनपद में एक-एक मॉडल आयुष गांव विकसित किया जा रहा है, साथ ही 50 नए योग और वेलनेस केंद्र स्थापित करने की दिशा में काम हो रहा है।
सोमवार को ओल्ड राजपुर स्थित एक होटल में आयोजित 10वीं विश्व आयुर्वेद कांग्रेस एवं आरोग्य एक्सपो प्रोसीडिंग विमोचन समारोह को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि देवभूमि उत्तराखंड के लिए यह गर्व की बात है कि उसने सफलतापूर्वक इस वैश्विक आयोजन की मेजबानी की। उन्होंने कहा— “यह प्रोसीडिंग मात्र एक दस्तावेज नहीं, बल्कि ज्ञान, अनुभव और गहन विचार-विमर्श का सार है, जो आने वाले वर्षों में आयुर्वेद के क्षेत्र में अनुसंधान, नीति-निर्माण और जन स्वास्थ्य की दिशा तय करने में अहम भूमिका निभाएगा।”
आयुर्वेद: विश्व को मिला अमूल्य उपहार
मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि विश्व आयुर्वेद कांग्रेस और एक्सपो के माध्यम से भारत ही नहीं, बल्कि विदेशों में भी यह संदेश सफलतापूर्वक दिया गया कि आयुर्वेद के जरिए उत्तम स्वास्थ्य प्राप्त किया जा सकता है। साथ ही, सनातन संस्कृति के “सर्वे सन्तु निरामयाः” के संदेश को भी व्यापक रूप से पहुंचाया गया।
उन्होंने विज्ञान भारती के “विज्ञान विद्यार्थी मंथन” की सराहना करते हुए कहा कि यह पहल युवाओं में विज्ञान के प्रति जिज्ञासा, अनुसंधान की प्रवृत्ति और नवाचार को बढ़ावा देने के साथ-साथ उन्हें जागरूक और जिम्मेदार नागरिक बनाने का अभियान है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आयुर्वेद प्राचीन काल से ही न केवल बाहरी रोगों, बल्कि बुद्धि और इन्द्रियों से जुड़े आंतरिक विकारों का भी उपचार करता आ रहा है। इसकी स्वीकार्यता आज लगातार बढ़ रही है क्योंकि यह स्वास्थ्य को एक समग्र दृष्टिकोण से देखता है।
उत्तराखंड की औषधीय विरासत
उन्होंने कहा कि उत्तराखंड सदियों से औषधीय संपदा और आयुर्वेद का केंद्र रहा है। यहां के पर्वतीय क्षेत्रों में पाई जाने वाली जड़ी-बूटियों ने आयुर्वेद को आरोग्य का आधार बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में गठित आयुष मंत्रालय की सराहना करते हुए कहा कि केंद्र सरकार ‘राष्ट्रीय आयुष मिशन’ और ‘प्रकृति परीक्षण अभियान’ जैसे कार्यक्रमों के जरिए शहरों से लेकर गांवों तक स्वास्थ्य सेवाओं का विस्तार कर रही है।
प्रदेश में आयुष की दिशा और विस्तार
मुख्यमंत्री धामी ने बताया कि राज्य में वर्तमान में 300 से अधिक आयुष्मान आरोग्य केंद्र संचालित हो रहे हैं और ई-संजीवनी पोर्टल के माध्यम से 70 से अधिक विशेषज्ञ ऑनलाइन आयुष परामर्श दे रहे हैं। प्रत्येक जनपद में 50 और 10 बेड क्षमता वाले आयुष अस्पताल स्थापित किए जा रहे हैं।
इसके अलावा, प्रदेश में उत्तराखंड आयुष नीति लागू की गई है, जिसके अंतर्गत औषधि निर्माण, वेलनेस, शिक्षा, शोध और औषधीय पौधों के उत्पादन को गति दी जा रही है। आने वाले समय में आयुष टेली-कंसल्टेशन और 50 नए योग एवं वेलनेस केंद्र स्थापित करने की योजना है। साथ ही, राज्य सरकार ने आयुष मंत्रालय से अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान की स्थापना का अनुरोध किया है, जो आयुर्वेद शिक्षा और अनुसंधान के क्षेत्र में मील का पत्थर साबित होगा।
सम्मान और विमोचन
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने आयुष विभाग की कॉफी टेबल बुक और विज्ञान भारती के विज्ञान विद्यार्थी मंथन प्रतियोगिता के पोस्टर का विमोचन किया। आयुर्वेद को बढ़ावा देने के लिए कई व्यक्तियों को सम्मानित भी किया गया।
अन्य उपस्थितजन
इससे पहले विज्ञान भारती के राष्ट्रीय संगठन मंत्री डॉ. शिव कुमार ने आयोजन की रूपरेखा प्रस्तुत की। मुख्य कार्यक्रम से पूर्व धराली आपदा में दिवंगत नागरिकों के प्रति मौन रखा गया।
कार्यक्रम में स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत, राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष श्रीमती कुसुम कंडवाल, आरएसएस के प्रांत प्रचारक डॉ. शैलेंद्र, सचिव दीपेंद्र चौधरी, निदेशक आयुष विजय जोगदंडे, प्रो. अनूप ठक्कर, श्री चन्द्रशेखर नय्यर, डॉ. वी. के. अशोक, प्रो. के. डी. पुरोहित सहित विभिन्न गणमान्य लोग मौजूद रहे।
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