ब्यूरो न्यूज़ उत्तराखंड ब्रॉडकास्ट
उत्तराखंड में स्थायी राजधानी के सवाल पर एक बार फिर आंदोलन की गूंज तेज हो गई है। 19 अगस्त से गैरसैंण में शुरू होने जा रहे विधानसभा के मानसून सत्र से ठीक पहले किसान मंच ने सरकार और जनप्रतिनिधियों को बड़ी चेतावनी दी है।
👉 किसान मंच का साफ कहना है कि राज्य गठन के दौरान से ही गैरसैंण को राजधानी बनाने की मांग होती रही है।
👉 पूरे 25 साल बाद भी यह मांग अधूरी है और समय-समय पर आंदोलन होते रहे, लेकिन सरकारों ने इसे नजरअंदाज किया।
अब किसान मंच ने अमर शहीद वीर चंद गढ़वाली की प्रतिमा के सामने गैरसैंण रामलीला मैदान में शांतिपूर्ण लेकिन अनिश्चितकालीन धरना शुरू करने का ऐलान किया है।
किसान मंच की चेतावनी
👉 यदि इस बार मानसून सत्र में गैरसैंण को स्थायी राजधानी बनाने पर चर्चा और निर्णय नहीं हुआ तो सभी 70 विधायकों के प्रतीकात्मक पुतलों का दहन गैरसैंण में एक साथ किया जाएगा।
👉 आंदोलन पूरी तरह शांतिपूर्ण रहेगा, लेकिन तीसरे दिन तक यदि इस मुद्दे पर गंभीर चर्चा नहीं हुई तो पुतला दहन कर पूरे प्रदेश में विरोध की आग फैलाई जाएगी।
👉 किसान मंच ने यह भी स्पष्ट किया है कि जो भी विधायक इस मांग का समर्थन करेगा उसका प्रतीकात्मक पुतला दहन नहीं किया जाएगा।
आंदोलनकारियों का संदेश
धरना देने वाले कार्यकर्ताओं का कहना है कि यह लड़ाई अब अंतिम चरण में है।
“राजधानी गैरसैंण चाहिए और अब चाहिए” – यही नारा इस बार आंदोलन का मूल मंत्र होगा।
धरना केवल प्रतीकात्मक विरोध तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि यह सरकार और जनप्रतिनिधियों के लिए जनता का सीधा संदेश होगा कि पहाड़ के सवाल पर अब और खिलवाड़ बर्दाश्त नहीं होगा।
सरकार और तंत्र के लिए चुनौती
किसान मंच का यह अनोखा विरोध आगामी दिनों में बड़ा राजनीतिक तूफान खड़ा कर सकता है।
जहां एक ओर विधानसभा सत्र के दौरान राजधानी का सवाल सीधे सदन में उठने की संभावना है, वहीं बाहर गैरसैंण में धरना और 70 विधायकों के पुतला दहन की तैयारी सरकार और प्रशासन के लिए गंभीर चिंता का विषय बन गई है।
✊ आंदोलनकारी साफ कह रहे हैं –
“या तो गैरसैंण को राजधानी घोषित करो, अन्यथा इस बार पूरा उत्तराखंड जनप्रतिनिधियों को कठघरे में खड़ा करेगा।”
Discussion about this post