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अपहरण मामले पर कड़ी सुनवाई
सुनवाई के दौरान पुलिस कप्तान प्रह्लाद नारायण मीणा से न्यायालय ने कई तीखे सवाल किए। एसएसपी ने बताया कि:
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अपहरण में शामिल 14 लोगों की पहचान की गई है।
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इनमें से कई आरोपी नैनीताल, रामपुर और उधम सिंह नगर जिलों के बताए जा रहे हैं।
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पुलिस ने एक संदिग्ध गाड़ी को बरामद कर लिया है और CDR (Call Detail Records) समेत सभी सबूत कोर्ट में पेश किए जाएंगे।
कोर्ट ने एसपी इंटेलिजेंस की अनुपस्थिति पर भी सवाल उठाया।
कोर्ट ने मीडिया पर जताई नाराज़गी
हाईकोर्ट ने मीडिया की कार्यप्रणाली पर भी सख्त टिप्पणी की। मुख्य न्यायाधीश ने कहा –
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“न्यायालय की कार्यवाही के वायरल वीडियो पर कार्यवाही की जाएगी। मीडिया केवल कोर्ट से जारी आदेशों को ही प्रकाशित करे। ऐसा कल्चर यहां विकसित नहीं होने देंगे।”
विपक्ष और वकीलों के गंभीर आरोप
कांग्रेस की तरफ से वरिष्ठ अधिवक्ता अवतार सिंह रावत, देवेंद्र पाटनी, सैयद नदीम ‘मून’ और तरुण टाकुली मौजूद रहे।
वरिष्ठ अधिवक्ता देवेंद्र पाटनी ने आरोप लगाया कि –
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“अपहरणकर्ताओं का हौसला देखकर लगता है कि पुलिस और आरोपियों के बीच सांठगांठ हो सकती है।”
वहीं, महाधिवक्ता एस.एन. बाबुलकर ने पुलिस का बचाव करते हुए कहा कि अधिकारियों ने पहले ही चेकिंग और सुरक्षा के लिए कदम उठाए थे।
सिस्टम फेलियर पर हाईकोर्ट की टिप्पणी
कोर्ट ने साफ कहा –
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“यह मामला देवभूमि की छवि से जुड़ा है। सिस्टम की नाकामी बर्दाश्त नहीं की जाएगी। आगे ऐसा दोबारा न हो, इसके लिए कड़ी कार्रवाई जरूरी है। हमें गर्व होना चाहिए कि हम उत्तराखंड में रहते हैं।”
जांच की वर्तमान स्थिति
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कुल 6 FIR दर्ज की गई हैं।
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अपहरण की रात की गाड़ी कोर्ट में पेश की गई।
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अपहृत सदस्यों के बयानों और वीडियो फुटेज में विरोधाभास की जांच जारी है।
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पुलिस ने नाइट ड्यूटी अधिकारी तैनात करने की जानकारी दी।
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