इस साल देश के कई हिस्सों में मानसून (Monsoon 2025) सामान्य से ज्यादा सक्रिय दिखाई दे रहा है। भारतीय मौसम विभाग (IMD) के अनुसार, इस बार अरब सागर और बंगाल की खाड़ी से नमी भरी हवाएं लगातार उत्तर और पहाड़ी राज्यों तक पहुंच रही हैं। इसका सीधा असर यह हुआ है कि कम समय में भारी बारिश (Heavy Rainfall) दर्ज की जा रही है।
जलवायु परिवर्तन (Climate Change) का असर
वैज्ञानिकों का कहना है कि Climate Change की वजह से बारिश का पैटर्न लगातार बदल रहा है। पहले जहां लंबे समय तक हल्की बारिश होती थी, वहीं अब कम समय में बहुत तेज बारिश (Extreme Rainfall Events) हो रही है। इसका कारण वातावरण में ग्रीनहाउस गैसों की बढ़ती मात्रा और ग्लोबल वार्मिंग है।
El Niño और La Niña का प्रभाव
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El Niño: प्रशांत महासागर के तापमान में बदलाव को एल नीनो कहा जाता है। जब समुद्र का तापमान बढ़ता है तो मानसून कमजोर पड़ता है।
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La Niña: वहीं तापमान सामान्य से कम रहने पर ला नीना की स्थिति बनती है, जिससे मानसून ज्यादा सक्रिय हो जाता है।
मौसम विभाग का कहना है कि इस साल मानसून पर La Niña का असर देखने को मिल रहा है, जिसके कारण सामान्य से अधिक वर्षा दर्ज की जा रही है।
पहाड़ी राज्यों पर असर
उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर जैसे पहाड़ी राज्यों में इस बार लगातार बादल फटने (Cloudburst) और भूस्खलन (Landslide) जैसी घटनाएं हो रही हैं। इसका मुख्य कारण है –
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अत्यधिक नमी वाली हवाओं का पहाड़ों से टकराना
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गहरी घाटियों में तेजी से बादल जमना
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जलवायु परिवर्तन की वजह से असामान्य बारिश होना
नदियों का उफान और बाढ़ का खतरा
अत्यधिक बारिश की वजह से गंगा, यमुना, अलकनंदा, मंदाकिनी और घाघरा जैसी नदियां खतरे के निशान पर बह रही हैं। इससे कई राज्यों में बाढ़ (Flood Situation) की स्थिति बन गई है।
शहरी इलाकों में क्यों बढ़ रहा है जलभराव?
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शहरों में बढ़ता कंक्रीट जंगल
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जल निकासी की व्यवस्था का कमजोर होना
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नालों और ड्रेनेज सिस्टम का जाम होना
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ग्रीन एरिया और तालाबों का खत्म होना
इन कारणों से भारी बारिश के दौरान शहरी क्षेत्रों में जलभराव की समस्या गंभीर हो जाती है।
निष्कर्ष
इस बार हो रही भारी बारिश के पीछे सिर्फ मानसून की सक्रियता ही नहीं, बल्कि Climate Change, La Niña प्रभाव, पहाड़ी भौगोलिक परिस्थितियां और शहरीकरण भी बड़ी वजह हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि अगर इसी तरह मौसम पैटर्न बदलता रहा तो आने वाले सालों में ऐसे अतिवृष्टि (Extreme Rainfall) की घटनाएं और बढ़ सकती हैं।
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