मुख्य न्यायाधीश डी.वाई. चंद्रचूड़ और जस्टिस के. विनीत चंद्रा की खंडपीठ ने सुनवाई के दौरान राज्य सरकार से सवाल किया कि इस अधिकारी को विशेष राहत क्यों दी गई। कोर्ट ने टिप्पणी करते हुए कहा कि अब जांच में किसी भी तरह की देरी बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
सीबीआई करेगी मामले की जांच
देहरादून से मिली जानकारी के अनुसार, राज्य सरकार ने कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के पूर्व निदेशक एवं मुख्य वन संरक्षक (सीसीएफ) राहुल के खिलाफ सीबीआई को मुकदमा चलाने की अनुमति दे दी है। उन पर रिजर्व क्षेत्र में हुए निर्माण और विस्तार कार्यों में गड़बड़ी के गंभीर आरोप हैं।
इससे पहले प्रमुख वन संरक्षक प्रशासन को मामले में जांच अधिकारी नियुक्त किया गया था। गौरतलब है कि सीबीआई ने करीब पांच महीने पहले ही शासन से राहुल के खिलाफ अभियोजन चलाने की अनुमति मांगी थी।
सुप्रीम कोर्ट ने उठाए सवाल
सुनवाई के दौरान शीर्ष अदालत ने यह भी पूछा कि जब अधिकारी पर भ्रष्टाचार जैसे गंभीर आरोप लंबित थे, तो फिर उन्हें विरोध पोस्टिंग क्यों दी गई। जबकि केंद्रीय सतर्कता आयोग (CVC) ने इस पर पहले ही नकारात्मक टिप्पणी दी थी।
अदालत ने स्पष्ट किया कि अब विभागीय कार्रवाई तेज गति से पूरी की जाए और तय समयसीमा का कड़ाई से पालन हो।
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