परिवार ने उठाए गंभीर सवाल
राजीव की पत्नी ने आरोप लगाया कि उत्तरकाशी के अस्पतालों में व्याप्त भ्रष्टाचार को उजागर करने के कारण उनके पति को धमकियां मिल रही थीं। उन्होंने यह भी कहा कि उनके पास मौजूद वीडियो को डिलीट करने की धमकी दी जा रही थी। पुलिस इस मामले में आरोपितों की पहचान और धमकियों के पीछे के कारणों की जांच कर रही है।
एसपी उत्तरकाशी ने साझा किया पोस्टमार्टम विवरण
उत्तरकाशी की एसपी सरिता डोभाल ने सोशल मीडिया के माध्यम से बताया कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में राजीव की मौत का कारण सीने और पेट की अंदरूनी चोटें बताई गई हैं। उन्होंने आगे कहा कि राजीव के परिवार द्वारा प्रदान किए गए अन्य तथ्यों की भी जांच जारी है।
एसपी ने यह भी बताया कि:
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19 सितंबर को राजीव के परिवार ने पुलिस को उनकी गुमशुदगी की सूचना दी।
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सीसीटीवी फुटेज के अनुसार, 18 सितंबर की रात राजीव अपने दोस्तों के साथ गंगोत्री की ओर गए थे, लेकिन बाद में अकेले कार चलाते दिखे।
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अगले दिन उनकी कार दुर्घटना स्थल से लगभग 500 मीटर दूर मिली।
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लगातार तलाशी अभियान के बाद 28 सितंबर को उनका शव बरामद हुआ।
डीजीपी का बयान: गहन जांच जारी
उत्तराखंड के डीजीपी दीपम सेठ ने बताया कि राजीव की गुमशुदगी की सूचना मिलने पर तुरंत तलाशी अभियान शुरू किया गया। एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और स्थानीय पुलिस की टीमें भी इसमें शामिल थीं।
डीजीपी ने कहा कि:
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सीसीटीवी फुटेज में दिखाए गए वाहन को 20 सितंबर को भागीरथी नदी में क्षतिग्रस्त हालत में पाया गया।
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परिवार द्वारा अपहरण की आशंका जताने के बाद प्राथमिकी दर्ज की गई।
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28 सितंबर को शव बरामद हुआ और उसकी पहचान राजीव प्रताप सिंह के रूप में हुई।
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पोस्टमार्टम रिपोर्ट मिल चुकी है और आगे की जांच उत्तरकाशी पुलिस उपाधीक्षक की अगुवाई में जारी है। रिपोर्ट जल्द पेश की जाएगी।
सीएम पुष्कर सिंह धामी ने लिया संज्ञान
इस मामले पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने निष्पक्ष और गहन जांच कराने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि जांच में सभी पहलुओं को ध्यान में रखा जाएगा और मामले की निष्पक्ष रिपोर्ट जल्द प्रस्तुत की जाएगी।
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