पत्र सामने आने के बाद राजनीतिक विवाद गहरा गया है और विपक्ष ने इसे “प्रशासनिक मर्यादा का उल्लंघन” बताया है।
क्या है मामला?
25 सितंबर को देहरादून से शुरू हुई ‘शहीद सम्मान यात्रा 2.0’ का समापन आज गढ़वाल राइफल्स रेजिमेंट सेंटर (जीआरआरसी), लैंसडाउन में होना है।
मुख्यमंत्री धामी इस अवसर पर शहीद सैनिकों के परिजनों को ताम्रपत्र प्रदान करेंगे और शहीद धाम निर्माण के लिए मिट्टी का एकीकरण करेंगे।
कार्यक्रम में सैन्य परेड, सांस्कृतिक प्रस्तुतियां और श्रद्धांजलि समारोह का आयोजन किया गया है। लेकिन इससे ठीक पहले वायरल हुआ एक पत्र अब इस आयोजन की छवि पर सवाल खड़े कर रहा है।
वायरल पत्र में क्या है?
वायरल पत्र पर डीएम पौड़ी गढ़वाल कार्यालय का लोगो, ईमेल ([email protected]) और फोन नंबर (01368-22250) स्पष्ट रूप से दिखाई दे रहे हैं।
तारीख 5 अक्टूबर 2025 अंकित इस पत्र में तहसीलदारों और अधिकारियों को केवल भाजपा नेताओं को आमंत्रित करने के निर्देश दिए गए बताए गए हैं।
पत्र में अन्य जनप्रतिनिधियों, सामाजिक संगठनों या बुद्धिजीवियों का कोई उल्लेख नहीं है।
विपक्ष का रोष: “शहीदों का अपमान”
विपक्षी दलों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने इसे लोकतंत्र पर हमला करार दिया है।
एक सामाजिक कार्यकर्ता ने कहा—
“अगर यह पत्र सच्चा है, तो यह प्रशासनिक मर्यादा की पराकाष्ठा है। क्या अब शहीद भी किसी पार्टी के हो गए हैं? शहीदों की मिट्टी पर राजनीति करना सबसे बड़ा अपमान है।”
कांग्रेस प्रवक्ता ने ट्वीट करते हुए कहा—
“शहीद सम्मान के नाम पर राजनीतिक लाभ लेना घिनौना अपराध है। हम इसकी निष्पक्ष जांच की मांग करते हैं।”
वहीं भाजपा नेताओं ने पत्र की प्रामाणिकता पर सवाल उठाते हुए इसे विपक्ष की साजिश बताया है।
प्रशासन और सेना का रुख
अब तक डीएम कार्यालय पौड़ी गढ़वाल की ओर से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है।
अधिकारियों का कहना है कि मामला “जांच के अधीन” है।
वहीं, गढ़वाल रेजीमेंट सेंटर के अधिकारियों ने बताया कि कार्यक्रम सैन्य और सरकारी प्रोटोकॉल के तहत हो रहा है, जिसमें सभी वर्गों के प्रतिनिधियों को आमंत्रित किया गया है।
हालांकि, उन्होंने वायरल पत्र की सत्यता पर टिप्पणी करने से इंकार किया।
गढ़वाल रेजीमेंट सेंटर का गौरव
गढ़वाल राइफल्स रेजीमेंट सेंटर (लैंसडाउन) 1887 में स्थापित हुआ था और यह उत्तराखंड के गौरव का प्रतीक है।
यहीं से देश की सेवा करने वाले हजारों वीर जवान तैयार होते हैं।
‘शहीद सम्मान यात्रा 2.0’ को भी इसी गौरव को नमन करने के लिए शुरू किया गया था।
आगे क्या?
पत्र की सत्यता की जांच प्रशासन स्तर पर जारी है।
यदि यह साबित होता है कि डीएम कार्यालय से ऐसा पत्र जारी हुआ है, तो यह मामला राजनीतिक भूकंप ला सकता है।
विपक्ष ने चुनाव आयोग और राज्यपाल से इस पर हस्तक्षेप की मांग की है।
फिलहाल, कार्यक्रम निर्धारित समय पर आयोजित होने की संभावना है।
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