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देहरादून। चिकित्सा क्षेत्र में श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल, देहरादून ने एक और ऐतिहासिक उपलब्धि दर्ज की है। अस्पताल के सर्जरी विभाग ने एक अत्यंत जटिल ऑपरेशन को सफलतापूर्वक अंजाम देते हुए 20 वर्षीय युवती के पेट से 13 किलो 200 ग्राम वजनी विशाल गांठ निकालकर मेडिकल इतिहास में नया रिकॉर्ड कायम किया है।
इस सफल सर्जरी के लिए अस्पताल के चेयरमैन श्रीमहंत देवेन्द्र दास जी महाराज ने डॉक्टरों की टीम को बधाई दी और इसे अस्पताल की चिकित्सा दक्षता का प्रतीक बताया।
डॉक्टरों की विशेषज्ञता से सफल हुआ जटिल ऑपरेशन
अस्पताल के वरिष्ठ सर्जन डाॅ. जे.पी. शर्मा के नेतृत्व में चार घंटे तक चले इस कठिन ऑपरेशन को डॉक्टरों की टीम ने सफलता पूर्वक पूरा किया। मरीज को इस गांठ के बारे में कोई जानकारी नहीं थी और वह सामान्य जीवन जी रही थी। अचानक तेज पेट दर्द की शिकायत के बाद जब उसे अस्पताल लाया गया, तब जांच में सामने आया कि उसके पेट में ओवेरियन लार्ज ट्यूमर विकसित हो चुका है।
यह ट्यूमर पेट के कई महत्वपूर्ण अंगों पर दबाव डाल रहा था, जिससे मरीज के जीवन को गंभीर खतरा हो सकता था। डॉक्टरों ने तत्काल ऑपरेशन का निर्णय लिया।
चार घंटे की सर्जरी, 13 किलो गांठ हुई बाहर
सर्जरी टीम ने करीब चार घंटे के निरंतर प्रयास के बाद युवती के पेट से 13 किलो 200 ग्राम वजन की विशाल गांठ को सफलतापूर्वक निकाला।
ऑपरेशन टीम में डाॅ. पुनीत त्यागी, डाॅ. दिपांकर नयाल, डाॅ. पुष्किन पोखरियाल, तथा एनेस्थीसिया विभाग से डाॅ. नेहा शामिल थीं।
टीम की सामूहिक मेहनत और विशेषज्ञता से यह सर्जरी पूरी तरह सफल रही। मरीज की स्थिति अब सामान्य है और उसे अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया गया है।
समय पर जांच और निर्णय से बचाई जा सकती है जान
इस सर्जरी की सफलता न केवल श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल की चिकित्सा क्षमता को दर्शाती है, बल्कि यह भी साबित करती है कि समय पर की गई जांच और सही निर्णय किसी भी व्यक्ति की जान बचा सकते हैं।
अस्पताल की इस उपलब्धि ने एक बार फिर यह सिद्ध कर दिया है कि देहरादून चिकित्सा सेवाओं के क्षेत्र में उत्तर भारत का प्रमुख केंद्र बन चुका है।
महत्वपूर्ण संदेश
यदि लंबे समय तक पेट दर्द, सूजन या असामान्य लक्षण महसूस हों, तो तुरंत डॉक्टर से परामर्श करें। ऐसी गांठें धीरे-धीरे विकसित होती हैं और देर होने पर जीवन के लिए खतरा बन सकती हैं।














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