18 से 20 नवंबर तक चलेगा विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम
राजाजी टाइगर रिजर्व में 18 से 20 नवंबर के बीच विशेष प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया जाएगा। इस दौरान वन कर्मियों को बाघ आकलन से जुड़े सभी अहम पहलुओं की जानकारी दी जाएगी। इसमें विशेष रूप से कैमरा ट्रैप ग्रिड लगाना, सर्वे प्रक्रिया, फील्ड डाटा संग्रहण और वैज्ञानिक पद्धति से आकलन जैसी तकनीकों पर फोकस किया जाएगा।
बाघों की गणना के लिए आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल
बाघों की सटीक गणना के लिए इस बार भी आधुनिक तकनीकों का सहारा लिया जाएगा। जंगल के निर्धारित क्षेत्रों में कैमरा ट्रैप लगाए जाएंगे, जिनसे प्राप्त फोटोग्राफ का भारतीय वन्यजीव संस्थान (WII) में गहन अध्ययन किया जाएगा। इन डाटा के विश्लेषण के बाद ही अंतिम रिपोर्ट तैयार की जाएगी।
कई राज्यों के वन कर्मी बनेंगे प्रक्रिया का हिस्सा
राजाजी टाइगर रिजर्व के निदेशक कोको रोसो ने बताया कि प्रशिक्षण कार्यक्रम में राजस्थान, यूपी, बिहार और उत्तराखंड के टाइगर रिजर्व एवं संबंधित प्रभागों के वन कर्मी भाग लेंगे। सभी प्रतिभागियों को बाघ आकलन प्रक्रिया की बारीकियों से अवगत कराया जाएगा ताकि राष्ट्रीय स्तर पर यह कार्य सटीक और वैज्ञानिक तरीके से पूरा हो सके।
वर्ष 2026 में शुरू होगा बाघ आकलन अभियान
बाघों की गणना का मुख्य अभियान वर्ष 2026 में शुरू होगा। उससे पहले सभी राज्यों में चरणबद्ध तरीके से तैयारी और प्रशिक्षण का कार्य पूरा किया जाएगा। इस कार्यक्रम से न केवल बाघों की सटीक संख्या सामने आएगी बल्कि उनके संरक्षण और आवास क्षेत्र को मजबूत करने में भी मदद मिलेगी।












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