वरिष्ठ अधिकारी की छवि धूमिल करने की सुनियोजित कोशिश — साइबर क्राइम सेल जांच में जुटा
देहरादून। राज्य के सूचना महानिदेशक (DG Information) ने सोशल मीडिया पर उनके खिलाफ चल रहे भ्रामक और अनर्गल प्रचार को लेकर सख्त कदम उठाया है। उन्होंने एसएसपी देहरादून को औपचारिक शिकायत दर्ज कराते हुए आरोप लगाया कि कुछ लोग सुनियोजित तरीके से उनकी छवि को धूमिल करने की कोशिश कर रहे हैं। शिकायत के साथ उन्होंने पुलिस को इस पूरे अभियान के डिजिटल सबूत भी सौंपे हैं।
सूचना महानिदेशक ने बताया कि कुछ समय से कुछ सोशल मीडिया अकाउंट्स और व्हाट्सएप ग्रुप्स पर उनके खिलाफ झूठी और भ्रामक बातें फैलाई जा रही हैं। यह न केवल उनकी व्यक्तिगत प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचा रहा है, बल्कि विभाग की छवि पर भी सीधा असर डाल रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि यह सब एक पूर्व नियोजित साजिश के तहत हो रहा है, ताकि अधिकारियों पर दबाव बनाया जा सके और निर्णयों को प्रभावित किया जा सके।
उन्होंने शिकायत में यह भी उल्लेख किया कि यह मुहिम किसी “गैंग” या लॉबी सिस्टम के जरिए चलाई जा रही है, जो प्रशासनिक अधिकारियों को निशाना बनाकर शासन-प्रशासन का माहौल बिगाड़ने की कोशिश कर रही है।
सूचना महानिदेशक ने कहा, “मेरे खिलाफ जो अभियान चलाया जा रहा है, वह किसी असंतुष्ट समूह की साजिश है। सोशल मीडिया पर बिना किसी प्रमाण के आरोप लगाना और अफवाहें फैलाना मेरे सम्मान और मानसिक शांति दोनों के खिलाफ है।”
उन्होंने स्पष्ट किया कि इस तरह की हरकतें आईटी एक्ट और मानहानि कानूनों का उल्लंघन हैं। इसलिए पुलिस से संबंधित सोशल मीडिया अकाउंट्स की पहचान कर उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की मांग की गई है, ताकि भविष्य में इस प्रकार की गतिविधियों पर रोक लग सके।
डिजिटल सबूत सौंपे, साइबर क्राइम सेल जांच में जुटी
सूत्रों के मुताबिक, शिकायत में कई स्क्रीनशॉट, पोस्ट और व्हाट्सएप चैट के अंश भी शामिल किए गए हैं। एसएसपी कार्यालय ने शिकायत प्राप्त होने की पुष्टि की है और मामला साइबर क्राइम सेल को सौंप दिया गया है। पुलिस अब इन अकाउंट्स की तकनीकी जांच कर रही है, ताकि यह पता लगाया जा सके कि पोस्ट किन उपकरणों और लोकेशन से किए गए। प्राथमिक जांच के बाद संबंधित लोगों पर आईटी एक्ट की धारा 66A, 67 और भारतीय दंड संहिता की मानहानि संबंधी धाराओं में मुकदमा दर्ज किया जा सकता है।
विभाग में हलचल, साजिश के पीछे असंतुष्ट तत्वों की भूमिका की आशंका
इस पूरे प्रकरण के बाद राज्य के सूचना विभाग में भी हलचल तेज हो गई है। विभागीय सूत्रों के अनुसार, महानिदेशक ने हाल के महीनों में पारदर्शिता और जवाबदेही बढ़ाने के लिए कई सख्त कदम उठाए थे। आशंका जताई जा रही है कि इससे नाराज कुछ असंतुष्ट तत्व ही अब इस तरह के तरीकों से दबाव बनाने की कोशिश कर रहे हैं।
डिजिटल ब्लैकमेलिंग का मामला, प्रशासनिक हलकों में हलचल
प्रशासनिक हलकों में इस मामले को “डिजिटल ब्लैकमेलिंग और छवि गिराने की साजिश” के रूप में देखा जा रहा है। विशेषज्ञों का कहना है कि सोशल मीडिया पर अफवाहें फैलाना आसान है, लेकिन जब निशाना किसी वरिष्ठ सरकारी अधिकारी को बनाया जाता है तो यह शासन व्यवस्था पर सीधा हमला होता है।
फिलहाल, पुलिस ने जांच शुरू कर दी है और आने वाले दिनों में इस कथित “गैंग” के सदस्यों की पहचान उजागर हो सकती है। सूचना महानिदेशक की यह कार्रवाई राज्य प्रशासन में सोशल मीडिया दुरुपयोग के खिलाफ एक सख्त मिसाल मानी जा रही है।












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