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कौन थी मृतका सीमा खातून?
सीमा खातून शादीशुदा महिला थी, जिसके दो छोटे बच्चे हैं। उसका पति बाइक मैकेनिक का काम करता है। वहीं, आरोपी सलमान ऊधमसिंह नगर का रहने वाला है, जो कुछ समय पहले तक सऊदी अरब में नौकरी करता था। इस साल जून में वह भारत लौटा और ट्रक चलाने का काम शुरू किया। घर निर्माण के दौरान उसकी मुलाकात पड़ोस में रहने वाली सीमा खातून से हुई।
पहले तो दोनों के बीच सामान्य बातचीत होती रही, लेकिन जल्द ही ये रिश्ता प्रेम में बदल गया। सीमा का बिंदास और तेज-तर्रार स्वभाव सलमान को अपनी ओर खींचने लगा।
रिश्ते में आया शक और तनाव
सीमा के पति को दोनों के संबंधों पर शक हो गया था। इसी बीच जब सलमान ने दूसरी जगह शादी करने का निर्णय लिया, तो सीमा ने इसका विरोध करते हुए धमकी दी कि वह उसे किसी और से शादी नहीं करने देगी। सीमा की जिद और गुस्से ने सलमान के मन में डर और आक्रोश दोनों पैदा कर दिए।
हत्या से पहले का दिन – 17 अक्टूबर की वो रात
घटना वाले दिन सीमा लगातार सलमान को फोन कर रही थी, लेकिन उसने कॉल रिसीव नहीं किया। नाराज़ होकर सीमा ने अपनी परिचित मेहरुन्निशा को बुलाया और दोनों सलमान से मिलने निकल पड़ीं।
उस समय सलमान अपने ट्रक में माल लादकर देहरादून मंडी जाने की तैयारी में था। जैसे ही सीमा वहां पहुंची, उसने सलमान से फोन न उठाने को लेकर झगड़ा शुरू कर दिया।
बात बढ़ी तो सीमा ने सलमान को थप्पड़ मार दिया और उसकी बहन-भाभी के बारे में अपमानजनक बातें कह दीं। यह सुनकर सलमान ने भी उसे थप्पड़ मारा और गुस्से में अपना आपा खो बैठा। झगड़े के दौरान सलमान ने सीमा की चुन्नी से उसका गला कसकर हत्या कर दी, जिसमें मेहरुन्निशा ने भी मदद की।
शव जलाकर सबूत मिटाने की कोशिश
हत्या के बाद सलमान घबरा गया। उसने मेहरुन्निशा को कुंडा के पास उतारा और खुद ट्रक लेकर नगीना पहुंचा, जहां से डीजल खरीदा। इसके बाद वह श्यामपुर के सुनसान इलाके में पहुंचा और सीमा के शव को जलाने की कोशिश की ताकि पहचान मिटाई जा सके।
करीब 22 मिनट में उसने इस पूरी वारदात को अंजाम दिया और वहां से भाग निकला।
कैसे सुलझा पुलिस ने यह ब्लाइंड केस
सीओ सिटी शिशुपाल सिंह नेगी के अनुसार यह मामला शुरू में एक ब्लाइंड मर्डर केस था क्योंकि शव अधजला था और पहचान नहीं हो पा रही थी। पुलिस ने तकनीकी जांच, मोबाइल सर्विलांस और CCTV फुटेज के सहारे सुराग जुटाए।
जांच के दौरान सामने आया कि जहां अधिकांश ट्रक दो से तीन मिनट में कैमरे से गुजर रहे थे, वहीं एक सफेद रंग का कंटेनर ट्रक पहले कैमरे से निकलने के 22 मिनट बाद अगले कैमरे में दिखा। इसी ट्रक से पुलिस को लीड मिली।
आगे रायवाला क्षेत्र के कैमरों की फुटेज खंगालने पर ट्रक का नंबर मिला और फिर पुलिस सीधे सलमान और मेहरुन्निशा तक पहुंच गई।
अंत में
यह मामला सिर्फ एक हत्या की कहानी नहीं बल्कि एक ऐसी त्रासदी है जिसमें शक, जिद और गुस्से ने मिलकर तीन परिवारों की जिंदगी बर्बाद कर दी।
सीमा के बच्चों के सिर से मां का साया उठ गया, सलमान और मेहरुन्निशा जेल पहुंच गए, और एक बार फिर यह सवाल छोड़ गए कि प्यार जब जुनून बन जाए, तो अंजाम कितना भयानक हो सकता है।












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