पिथौरागढ़। उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले के स्वास्थ्य विभाग में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। आरटीआई (RTI) के जरिये खुलासा हुआ है कि मरीजों के बैठने के लिए खरीदे गए साधारण स्टूल की कीमत ₹34,115 प्रति पीस दर्शाई गई है। यानी एक स्टूल की कीमत में एक छोटा फर्नीचर सेट खरीदा जा सकता था!
यह जानकारी स्थानीय निवासी आनंद मल्ल को सूचना के अधिकार के तहत मिली। उन्होंने अप्रैल 2024 में मुख्य चिकित्साधिकारी (CMO) कार्यालय से 14 बिंदुओं पर जानकारी मांगी थी। इसमें हल्द्वानी की एक फर्म से की गई सभी खरीद का पूरा ब्यौरा शामिल था।
राज्य सूचना आयोग की दखल के बाद खुला मामला
जवाब देने में देरी पर मामला राज्य सूचना आयोग तक पहुंच गया। आयोग के आदेश के बाद विभाग को संबंधित दस्तावेज और सूचनाएं जारी करनी पड़ीं। इन्हीं दस्तावेजों से बड़ा फर्नीचर घोटाला सामने आया।
क्या हुआ खुलासा:
दस्तावेजों के अनुसार, वर्ष 2023 में स्वास्थ्य विभाग ने हल्द्वानी की एक फर्म से —
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47 रिवॉल्विंग चेयर,
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47 डॉक्टरों की टेबल, और
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48 स्टूल खरीदे।
इनमें से एक स्टूल की कीमत ₹34,115 दर्ज की गई है।
यानी 48 स्टूलों की कुल कीमत ₹16,37,520 रुपये बनी।
इसी तरह, डॉक्टरों की टेबल और चेयर की कीमत भी करीब ₹34,120 प्रति यूनिट दर्शाई गई है।
तीनों मदों पर कुल खर्च ₹48,44,800 रुपये दिखाया गया है।
सूचना देने में देरी पर लगा जुर्माना
इस मामले में समय पर जानकारी न देने पर तत्कालीन डिप्टी सीएमओ पर राज्य सूचना आयुक्त योगेश भट्ट ने ₹25,000 का जुर्माना भी लगाया है।
सीएमओ का पक्ष
मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. एसएस नबियाल ने कहा कि “एक स्टूल की कीमत ₹34,000 नहीं हो सकती। संबंधित कर्मचारी आज कार्यालय में मौजूद नहीं हैं। सोमवार को इस मामले में विस्तृत जानकारी दी जाएगी।
“पिथौरागढ़ स्वास्थ्य विभाग में सामने आया यह मामला सरकारी खरीद प्रणाली की पारदर्शिता पर गंभीर सवाल उठाता है। अब देखना यह होगा कि इस “फर्नीचर घोटाले” की जांच किस स्तर तक पहुंचती है और जिम्मेदारों पर क्या कार्रवाई होती है।












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