कैसे बुना फर्जीवाड़े का जाल
ग्राम देवरी निवासी पीड़िता ने अदालत में दायर प्रार्थना पत्र में बताया कि वर्ष 2021 में आकाश सिंह नामक युवक उससे शादी का प्रस्ताव लेकर आया था। परिजनों ने पहले तो रिश्ता ठुकरा दिया, लेकिन आकाश ने खुद को एसएसबी में तैनात जवान बताया। उसने वर्दी में खिंचवाई नकली तस्वीरें और डीआईजी से पुरस्कार लेते हुए एडिट की गई फोटो दिखाकर परिवार को भरोसे में ले लिया।
इसके बाद आरोपी आकाश, उसकी मां विमला देवी और बहन अंजलि बार-बार विवाह का दबाव बनाने लगे। आखिरकार सितंबर 2022 में दोनों की सगाई कर दी गई।
गूगल-पे के जरिये ठगे रुपये
सगाई के बाद आरोपी युवक आए दिन ड्यूटी पर होने या नेटवर्क फेल होने का बहाना बनाकर युवती और उसकी बहन से अपने रिश्तेदारों व मित्रों के मोबाइल नंबरों पर गूगल-पे के जरिए पैसे मंगाने लगा। कुछ ही महीनों में परिवार से करीब ₹2.77 लाख रुपये वसूले गए।
इसके बाद आकाश ने खुद को नौकरी से सस्पेंड बताया और कहा कि उसका बैंक खाता सीज कर दिया गया है। उसने जुर्माना जमा करने के नाम पर युवती से ₹3 लाख रुपये मांगे, जिसमें से उसने उधार लेकर ₹2 लाख रुपये दे दिए।
होटल में बनाया शारीरिक संबंध
पीड़िता ने बताया कि 23 दिसंबर 2023 को आरोपी आकाश उसे नैनीताल घूमाने के बहाने ले गया, जहां होटल में उसने जबरन शारीरिक संबंध बनाए। जब परिवार ने शादी की बात उठाई तो आरोपी और उसके परिवारवालों ने टालमटोल करना शुरू कर दिया।
एसएसबी जांच में खुली पोल
परिजनों को शक होने पर उन्होंने एसएसबी कैंप में जानकारी की, जहां पता चला कि आकाश सिंह कभी एसएसबी में भर्ती ही नहीं हुआ था। इसके बाद पीड़िता ने न्यायालय का दरवाजा खटखटाया।
कोर्ट के आदेश पर मुकदमा दर्ज
कोतवाल मनोहर सिंह दसौनी ने बताया कि अदालत के निर्देश पर आरोपी आकाश सिंह, उसकी मां विमला देवी और बहन अंजलि के विरुद्ध मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई है। पुलिस पूरे प्रकरण की गहन जांच कर रही है।












Discussion about this post