2021 में हुई थी सैन्य धाम की घोषणा, अब तक तैयार हो चुका है अधिकांश काम
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2021 में सैन्य धाम की घोषणा की थी, जबकि 2022 में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इसका शिलान्यास किया। इस परियोजना का उद्देश्य उत्तराखंड के वीर सैनिकों की शौर्यगाथा को संरक्षित करते हुए एक स्मारक स्थल के रूप में विकसित करना है। सूत्रों के अनुसार, सैन्य धाम का अधिकांश निर्माण कार्य पूरा हो चुका है और केवल अंतिम औपचारिकताएं शेष हैं।
लोकार्पण टलने के पीछे भ्रष्टाचार के आरोपों की गूंज
हाल ही में आरटीआई कार्यकर्ता और अधिवक्ता विकेश नेगी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर आरोप लगाया था कि सैन्य धाम के निर्माण कार्य में वित्तीय अनियमितताएं और भ्रष्टाचार हुआ है। उन्होंने मांग की थी कि लोकार्पण से पहले इस परियोजना की सीबीआई जांच कराई जाए।
इन आरोपों के बाद माना जा रहा है कि सरकार ने जांच की दिशा में स्थिति स्पष्ट होने तक उद्घाटन टालने का निर्णय लिया है। हालांकि, सरकार की ओर से इस मामले पर अभी तक कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है।
राजनीतिक गलियारों में तेज हुई चर्चाएं
सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी पिछले कई महीनों से सैन्य धाम परियोजना की प्रगति की निगरानी कर रहे थे। भाजपा के कई वरिष्ठ नेता भी इस बात के संकेत दे चुके थे कि प्रधानमंत्री मोदी रजत जयंती के मौके पर इस धाम का लोकार्पण करेंगे। लेकिन अब कार्यक्रम के टलने से राजनीतिक गलियारों में नई चर्चाएं शुरू हो गई हैं कि कहीं भ्रष्टाचार के आरोप इस देरी की असली वजह तो नहीं हैं।
फिलहाल जांच के इंतजार में सैन्य धाम
सूत्रों की मानें तो सरकार फिलहाल इस परियोजना से जुड़े सभी पहलुओं की समीक्षा कर रही है। आरोपों की सत्यता जांचने के बाद ही लोकार्पण की नई तारीख तय की जाएगी।
सैन्य धाम उत्तराखंड के सैनिकों के बलिदान और गौरव की पहचान बनने वाला एक ऐतिहासिक प्रोजेक्ट है, जिसके लोकार्पण का अब राज्यवासियों को बेसब्री से इंतजार है।











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