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मामला हरिद्वार निवासी अभिजीत द्वारा दायर की गई जनहित याचिका से जुड़ा है। याचिकाकर्ता ने कोर्ट को बताया कि वर्ष 2021 में सस्ता गल्ला योजना के तहत बांटे जाने वाले 99 कुंतल से अधिक अनाज को उचित संरक्षण न मिलने के कारण वह गोदाम में ही सड़ गया, जबकि यह अनाज गरीबों में वितरित होना था।
जांच के बाद उधमसिंहनगर के जिलाधिकारी ने जिम्मेदार अधिकारियों व कर्मचारियों से रिकवरी करने के आदेश जारी किए थे। लेकिन इसके बाद खाद्य एवं आपूर्ति कमिश्नर ने इस रिकवरी को माफ कर दिया, जिससे पूरे प्रकरण पर सवाल उठने लगे।
याचिका में अदालत से मांग की गई है कि सस्ता गल्ला राशन से जुड़ी इस लापरवाही और कथित घोटाले की उच्चस्तरीय जांच कराई जाए तथा दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई सुनिश्चित की जाए।
हाईकोर्ट ने रिकवरी से संबंधित फाइल को संरक्षित रखने के निर्देश दिए हैं और राज्य सरकार से अगली सुनवाई में स्पष्ट जवाब मांगा है कि आपूर्ति कमिश्नर ने किस अधिकार से यह माफी दी?












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