मानव संसाधन प्रबंधन मंत्रालय के द्वारा नई शिक्षा नीति पेश की गई। जिसका शुभारंभ वर्ष 2022 में कर दिया गया है।नई शिक्षा नीति इसरो प्रमुख डॉक्टर कस्तूरी रंजन की अध्यक्षता में पेश की गई।
नई शिक्षा नीति शिक्षा के क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव की तरफ एक बहुत बड़ा कदम है। नई शिक्षा नीति/ नेशनल एजुकेशन पॉलिसी 2022 का मुख्य उद्देश्य भारत को वैश्विक स्तर पर महाशक्ति बनाना है।
नई शिक्षा नीति को लागू करने और उसका विस्तार करने के लिए जीडीपी का 6% हिस्सा केंद्र सरकार के द्वारा खर्च किया जाएगा।
नई शिक्षा नीति के तहत छात्रों पर पढ़ाई का बोझ कम करने के साथ ही छात्रों की स्किल क्षमता को बढ़ावा दिया जाएगा। नई शिक्षा नीति 2022 को सरकारी तथा प्राइवेट दोनों ही तरह के स्कूलों में लागू किया जाएगा।
नई शिक्षा नीति के तहत बहुत सारे क्षेत्रों में छूट और अत्यधिक लाभ देने की कोशिश की गई है।
नई शिक्षा नीति के आने से अब मानव संसाधन प्रबंधन मंत्रालय को शिक्षा मंत्रालय के नाम से जाना जाएगा।
नई शिक्षा नीति के माध्यम से शिक्षा का सार्वभौमीकरण किया जाएगा। जिसके अंतर्गत मेडिकल और लॉ की पढ़ाई को शामिल नहीं किया गया है ।
नई शिक्षा नीति के तहत सरकार के माध्यम से पुरानी शिक्षा नीति में बहुत सारे संशोधन किए गए हैं और इसमें बहुत सारी नई चीजों को जोड़ा गया है। जिसके चलते शिक्षा में गुणवत्ता के साथ बहुत से सुधार आएंगे और बच्चों को अच्छी शिक्षा प्राप्त हो सकेगी।
नई शिक्षा नीति से होने वाले लाभ
नई शिक्षा नीति में बच्चों को कक्षा पांचवी तक मातृभाषा या फिर क्षेत्रीय भाषा में शिक्षा प्रदान की जाएगी। सभी प्रकार के विषयों का क्षेत्रीय भाषा में अनुवाद किया जाएगा।
नई शिक्षा नीति के तहत छात्रों को सक्षम बनाने के लिए कक्षा 6 से ही इंटर्नशिप को भी आरंभ कर दिया जाएगा। साथ ही कक्षा 6 से ही छात्रों को कंप्यूटर और एप्लीकेशन की जानकारी दी जाएगी, साथ ही कोडिंग भी सिखाई जाएगी।
नई शिक्षा नीति में एक और बड़ा बदलाव करते हुए छात्रों के लिए यह भी कर दिया कि जैसे पहले छात्र साइंस,आर्ट्स या कॉमर्स स्ट्रीम का चयन करके उसी से संबंधित विषयों को पढ़ता था, लेकिन अब इसे खत्म करते हुए नई शिक्षा नीति के अंतर्गत यदि छात्र किसी एक का चयन करता है और वह साथ में दूसरा भी पढ़ना चाहता है तो वह पढ़ सकता है।
नई शिक्षा नीति के अंतर्गत सभी स्कूलों को डिजिटल बनाते हुए वर्चुअल लैब बनाए जाएंगे।
नई शिक्षा नीति के तहत पढ़ाई में भारत की प्राचीन भाषा और संस्कृत भाषा को बढ़ावा देना भी मुख्य उद्देश्य है जो भी छात्र अगर चाहे तो संस्कृत भाषा में ही अन्य सब्जेक्ट की पढ़ाई भी कर सकता है।
नई शिक्षा नीति के तहत छात्रों के लिए बोर्ड परीक्षा को आसान बनाने का काम भी किया गया है। अब छात्रों के लिए बोर्ड परीक्षा को दो चरणों में कराया जा सकता है।
पढ़ाई के क्षेत्र में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल भी किया जाएगा, जिससे पढ़ाई को आसान बनाते हुए छात्रों के समझ में आने योग्य भी बनाया जा सके।
नई शिक्षा नीति के तहत एक्स्ट्रा करिकुलर एक्टिविटीज को मैन सिलेबस में रखा गया है।
हायर एजुकेशन के लेवल पर एमपी डिग्री को खत्म किया जा रहा है।
नई शिक्षा नीति 2022 के तहत राज्य अपने स्तर से 3 भाषाएं निर्धारित कर के छात्रों को सिखाएगा।
नई शिक्षा नीति के तहत राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद द्वारा स्कूली शिक्षा के लिए राष्ट्रीय पाठ्यक्रम की रूपरेखा तैयार की जाएगी।
नई शिक्षा नीति को सुचारू रूप से चलाने के लिए बहुत से संस्थान स्थापित किए जाएंगे जिससे निचले स्तर पर नई शिक्षा नीति को कार्य में लाया जाए।
नई शिक्षा नीति से छात्रों के ऊपर पढ़ाई का बोझ कम होने के साथ ही उन्हें कौशल पूर्ण शिक्षा मिलेगी।
नई शिक्षा नीति को भारत में चार चरणों में बांटा गया है। नई शिक्षा नीति के आने से पहले 10+2 का पैटर्न फॉलो किया जाता था, लेकिन नई शिक्षा नीति के आ जाने से 5+3+3+4 के पैटर्न को फॉलो किया जाएगा। जिसके अंतर्गत 12 साल की स्कूली शिक्षा के साथ ही 3 साल की प्री स्कूली शिक्षा भी दी जाएगी।
नई शिक्षा नीति के चार महत्वपूर्ण चरण
फाउंडेशन स्टेज : फाउंडेशन स्टेज के तहत 3 साल से 8 साल के छात्रों को इसमें शामिल किया गया है,जिसके अंतर्गत छात्र अपनी 3 साल की प्री स्कूली शिक्षा के साथ 2 साल की स्कूली शिक्षा पूरी करेगा, जिसमें कक्षा 1 और 2 शामिल है । फाउंडेशन स्पीड में छात्रों को भाषा कौशल और शिक्षा के विकास के बारे में सिखाया जाएगा।
प्रीप्रेटरी स्टेज : प्रीप्रेटरी स्टेज के अंतर्गत 8 साल से लेकर 11 साल के बच्चे को शामिल किया गया है। इस स्टेज में बच्चा अपनी कक्षा 3 से कक्षा 5 तक की पढ़ाई को पूरी करेगा। इस स्टेज में छात्रों की भाषा और संख्यात्मक कौशल के विकास विकास करण पर काम किया जाएगा। इस स्टेज तक छात्र अपनी मातृभाषा/ क्षेत्रीय भाषा में पढ़ाई करेगा।
मिडिल स्टेज : मिडिल स्टेज के अंतर्गत 11 साल से 14 साल तक के छात्र शामिल होंगे इस स्टेज के अंतर्गत छात्र कक्षा 6 से कक्षा 8 तक की पढ़ाई पूरी करेंगे। इस स्टेज में बच्चों को कोडिंग और इंटर्नशिप भी सिखाई और कराई जाएंगी।
सेकेंडरी स्टेज : सेकेंडरी स्टेज के अंतर्गत 14 साल से 18 साल तक के छात्र शामिल होंगे जो कक्षा 9 से लेकर कक्षा 12 तक की पढ़ाई पूरी करेंगे। इस स्टेज के अंतर्गत बच्चा अपने मनपसंद विषयों की पढ़ाई कर पाएगा। जैसे : साइंस के साथ कॉमर्स, कॉमर्स के साथ आर्ट या आर्ट के साथ साइंस की पढ़ाई भी कर पाएगा।
उच्च शिक्षा को लेकर नई शिक्षा नीति 2022 में महत्वपूर्ण बदलाव
नई शिक्षा नीति 2022 के तहत उच्च शिक्षा मैं भी बदलाव किए गए हैं जिसके अनुसार अब छात्रों को कोर्स बीच में ही छोड़ देने की भी सुविधा होगी।
अब उच्च शिक्षा के लिए छात्रों को 4 साल का कोर्स करना होगा।
छात्र पहले साल के बाद यदि कोर्स को छोड़ता है तो उसे डिप्लोमा दिया जाएगा।
छात्र यदि दूसरे साल के बाद कोर्स को छोड़ता है तो उसे एडवांस डिप्लोमा दिया जाएगा।
छात्र तीसरे साल के बाद कोर्स को छोड़ता है तो उसे डिग्री दी जाएगी।
छात्र यदि 4 साल की उच्च शिक्षा ग्रहण करता है तो छात्र को शोध के साथ डिग्री दी जाएगी।
नई शिक्षा नीति 2022 के तहत पोस्ट ग्रेजुएशन को लेकर भी कुछ बदलाव किए गए हैं।
4 साल की अंडर ग्रेजुएशन करने वाले छात्र को 1 साल का मास्टर करना होगा।
3 साल की डिग्री करने वाले छात्र को 2 साल का मास्टर्स करना होगा।
साथ ही एक इंटीग्रेटेड प्रोग्राम भी नई शिक्षा नीति के तहत लाया जाएगा, जिसमें अंडर ग्रेजुएशन और पोस्ट ग्रेजुएशन दोनों ही एक साथ हो पाएंगे।
अब यदि छात्र पीएचडी करना चाहेगा तो उसे शोध के साथ 4 साल की डिग्री लेना अनिवार्य होगा।
नई शिक्षा नीति के अंतर्गत छात्रों के समग्र विकास के लिए मूल्यांकन प्रणाली अपनाई जा रही है।मूल्यांकन प्रणाली रचनात्मक प्रासंगिकता और सही उत्तरों पर जोर देगी।मूल्यांकन की इस नई प्रणाली का मुख्य उद्देश्य छात्रों के तनाव को कम करना और आनंदमय एवं सीखने के व्यावहारिक तरीके को स्कूल शिक्षा प्रणाली में शामिल करना है।
नई शिक्षा नीति के 2022 से छात्रों को होने वाले लाभ और जिस तरीके से नई शिक्षा नीति को चलाने का एक उद्देश्य सरकार का नजर आ रहा है उससे नई शिक्षा नीति शिक्षा के क्षेत्र में एक क्रांतिकारी बदलाव नजर आ रहा है।