देहरादून: सुरक्षा बल की भर्ती में अभ्यर्थी द्वारा फर्जी प्रमाण पत्र लगाने पर अभ्यर्थी को गिरफ्तार कर लिया गया है।
केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल की भर्ती परीक्षा में फर्जी जाति प्रमाण पत्र का इस्तेमाल करते दो अभ्यर्थियों को अधिकारियों द्वारा पकड़ कर कोतवाली रानीपुर पुलिस के हवाले कर दिया गया है।
आपको बता दे कि युवकों ने उम्र अधिक होने पर उम्र में छूट का लाभ लेने के लिए फर्जी जाति प्रमाण पत्र बनाया था पुलिस ने सीआईएसएफ अधिकारियों की तहरीर पर दोनों युवकों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया है और मेडिकल के बाद न्यायालय में पेश करते हुए जेल भेज दिया गया है।
कोतवाली रानीपुर प्रभारी निरीक्षक अमर चंद शर्मा ने बताया कि परमजीत सिंह असिस्टेंट कमांडेंट मेंबर 1st रिक्रूटमेंट बोर्ड फॉर पीटीपीएस सिटी फॉर CT / GD सीआईएसएफ यूनिट बीएचईएल रानीपुर हरिद्वार और इस्पेक्टर असवाल सीआईएसफ यूनिट भेल हरिद्वार सीआईएसएफडी कंपनी बीएचईएल कंपनी में भर्ती में शामिल होने आए हुए थे धीरज कुमार पुत्र दाऊ दयाल निवासी राजनगर थाना राजनगर जिला आगरा उत्तर प्रदेश और सतेंद्र पुत्र राम हंस निवास मंडला रोड धौलपुर थाना सदर जिला धौलपुर राजस्थान को लेकर कोतवाली रानीपुर पहुंचे और पुलिस के हवाले कर दिया
सीआईएसएफ अधिकारियों ने बताया कि केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल बीएचईएल इकाई में केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल की आरक्षी तथा जीडी पदों के लिए भर्ती प्रक्रिया चल रही है भर्ती प्रक्रिया में नियमानुसार आरक्षित अभ्यर्थियों को आयु सीमा तक हाइट में छूट देने का प्रावधान है भर्ती परीक्षा में आए दो अभ्यर्थी धीरज कुमार पुत्र दाऊ दयाल तथा सत्येंद्र पुत्र राम हंस इन दोनों के द्वारा स्वयं को अनुसूचित जनजाति श्रेणी का बताया गया था उपरोक्त दोनों की फिजिकल एफिशिएंसी टेस्ट के दौरान आयु सीमा तथा हाइट में छूट देने के प्रावधान के अनुसार उक्त दोनों अभ्यर्थियों के जाति प्रमाण पत्र चेक किए गए तो जाति प्रमाण पत्र फर्जी पाए गए पूछताछ करने पर धीरज कुमार ने अपनी जाति ब्राह्मण (तिवारी) तथा सत्येंद्र ने अपनी जाति राजपूत (जादौन) बताई और बताया कि उनकी आयु अधिक होने के कारण आयु सीमा में छूट लेने के लिए दोनों ने अपने-अपने जाति प्रमाण पत्र फर्जी तरीके से अनुसूचित जनजाति के बनाए हैं।