शहीद श्रीमती हंसा धनाई राजकीय महाविद्यालय अगरोड़ा टिहरी गढ़वाल मे प्रभारी प्राचार्य डॉ० अजय कुमार की अध्यक्षता मे राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई द्वारा विश्व खाद्य दिवस मनाया गया। उन्होंने छात्र-छात्राओ को संबोधित करते हुए बताया कि प्रतिवर्ष 16 अक्टूबर को विश्व खाद्य दिवस मनाया जाता है जिसका मुख्य उद्देश्य खाद्यान्न का महत्व एवं इसकी बर्बादी को रोकने के लिए जागरूकता बढ़ाना है। राष्ट्रीय सेवा योजना के कार्यक्रम अधिकारी डॉ० आराधना बंधानी ने विश्व खाद्य दिवस की महत्ता पर प्रकाश डालते हुए बताया कि इस वर्ष विश्व खाद्य दिवस-2022 की थीम है किसी को पीछे ना छोड़े, जोकि हर जगह पर्याप्त मात्रा मे सभी के लिए पौष्टिक भोजन उपलब्ध कराने पर केंद्रित है। उन्होंने बताया कि आज भी पूरे विश्व मे अनेको लोगो को पौष्टिक भोजन व संतुलित आहार नहीं मिल पाता है जिसके कारण वे कुपोषण के शिकार हो रहे है। भुखमरी व कुपोषण से निपटने के लिए केंद्र और राज्य सरकार को ठोस नीति बनानी होगी। राष्ट्रीय सेवा योजना के सलाहकार समिति के सदस्य डॉ० राकेश रतूड़ी ने कहा कि बढ़ती आबादी के कारण खाद्यान्नों मे कमी आ रही है। 2030 तक भारत की आबादी 150 करोड़ होने की उम्मीद है। इसे देखते हुए केंद्र तथा राज्य सरकार को खाद्य उत्पादन को बढ़ाने के लिए ऑर्गेनिक फार्मिंग, परंपरागत कृषि पद्धति को बढ़ावा देने हेतु सस्टेनेबल तरीका अपनाना होगा। राष्ट्रीय सेवा योजना के सलाहकार समिति के सदस्य डॉ० भरत गिरी गोसाई ने अपने व्याख्यान मे बताया कि पोषक तत्वो से भरपूर भोजन हर व्यक्ति का मौलिक व बुनियादी अधिकार है, लेकिन वर्तमान मे विश्व के प्रत्येक व्यक्ति को पौष्टिक आहार उपलब्ध कराना अपने आप मे बहुत बड़ी चुनौती है। उन्होंने बताया कि भारत मे प्रतिवर्ष 6.87 करोड टन खाना बर्बाद होता है। खाने की बर्बादी को रोकने के लिए हमे स्वयं अपने घरो से पहल करनी होगी। आज के इस कार्यक्रम मे महाविद्यालय के प्राध्यापक वर्ग एवं छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।