उत्तराखंड : देवप्रयाग विधानसभा क्षेत्र के कीर्तिनगर में प्रशासन ने खनन की अनुमति दी है| लेकिन खनन कारोबारी रातों-रात धन्ना सेठ बनने के सपने संजोए हुए हैं।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, मानको को दरकिनार कर दिन-रात नदी का सीना चीर रहे हैं. प्रशासन की नाक के नीचे चल रहे इस खनन से अधिकारी भी आंखें मूंदे हुए हैं।
आपको बता दे कि ऐसे में कार्रवाई न होने से प्रशासन की कार्यशैली पर सवाल उठ रहे हैं. राष्ट्रीय राजमार्ग से आए दिन अधिकारी गुजरते रहते हैं लेकिन उनकी नजर इस ओर नहीं पड़ रही है।
आपको बता दें कि कीर्तिनगर में हाल ही दिनों दो खनन पट्टे चोपड़ियो ओर जुयालगढ़ में स्वीकृत किये गए हैं, लेकिन खनन के लिए सभी नियम कानूनों को दरकिनार किया जा रहा है, यहां खनन करने के लिए अलकनंदा नदी को डाइवर्ट तक कर दिया गया है, जिस ओर प्रशासन की नजर नहीं पड़ रही है।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार,प्रशासन ने खनन कारोबारियों को जहां पर खनन करने की अनुमति दी है, उसके अतिरिक्त दूसरी जगह से भी उपखनिज निकाला जा रहा है।
आपको बता दे कि,नदी तट पर बड़े-बड़े गड्ढे इस बात की तस्दीक कर रहे हैं,कृत खनन पट्टों में धर्मकांटा तक नहीं लगाया गया है, जिससे इन पट्टों से निकाले जा रहे उप खनिज को बिना तोले ही ट्रकों के जरिये भेजा जा रहा है,वहीं इस मामले में उपजिलाधिकारी कीर्तिनगर सोनिया पंत का कहना है,कि सभी को पट्टों में धर्म कांटा लगाने के आदेश दिए जा चुके हैं,इसके साथ साथ जल्द खनन अधिकारी इन खनन पट्टों की जांच भी करेंगे।