श्रीनगर डिपो की 9 गाड़ियां फिटनेस न होने के चलते वर्कशॉप में खड़ी हैं।
वर्ष 2019 से लेकर 2022 तक इन गाड़ियों की फिटनेस न होने से इनका संचालन ठप पड़ा हुआ है इन गाड़ियों पर पेनाल्टी की ही रकम लगभग 12 लाख तक पहुंच गई है।
सहायक महाप्रबंधक पीके भारती की लापरवाही के चलते श्रीनगर डिपो की इन गाड़ियों के ठप होने से निगम को लगभग तीन लाख साठ हजार प्रतिदिन का नुकसान उठाना पड़ रहा है।
बिना फिटनेस के चल रही एक गाड़ी को पिछले दिनों कोटद्वार में आरटीओ ने पकड़कर सीट कर दिया था।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के कोटद्वार दौरे के चलते आरटीओ की चेकिंग के दौरान यह गाड़ी पकड़ी गई थी, तब से यह गाड़ी कोटद्वार में खड़े खड़े सड़ रही है।
कौन है एआरएम पीके भारती
एआरएम पीके भारती तब चर्चा में आए थे, जब पूर्व परिवहन मंत्री स्वर्गीय राकेश चंद्र की पत्नी ममता राकेश के चुनाव प्रचार के दौरान तत्कालीन प्रत्याशी ममता राकेश के साथ इनकी फोटो चुनाव प्रचार के दौरान वायरल हो गई थी। इसका संज्ञान लेकर प्रशासनिक आधार पर इनका ट्रांसफर पिथौरागढ़ कर दिया गया था, लेकिन यह तब मेडिकल अवकाश लेकर 8 महीने तक छुट्टी पर चले गए।
सहायक महाप्रबंधक पीके भारती की सारी सरकारी सेवा देहरादून रीजन के मैदानी क्षेत्रों में ही हो गई है।
पीके भारती की लापरवाही परिवहन निगम पर भारी पड़ रही है। श्रीनगर डिपो की बंद पड़ी गाड़ियों के संबंध में जब परिवहन मंत्री चंदन रामदस से बात की गई तो उन्होंने इसका संज्ञान लेकर तत्काल कार्यवाही करने का भी आश्वासन दिया।
सहायक महाप्रबंधक पीके भारती से पूछा गया तो उन्होंने जल्दी ही गाड़ियों की फिटनेस कराने की बात कही।
देखने वाली बात यह होगी कि परिवहन निगम कब तक इस तरह का नुकसान उठाता रहेगा।
श्रीनगर डिपो ही नहीं बल्कि ऋषिकेश डिपो की गाड़ियां भी फिटनेस न होने के चलते रास्ते में ही जवाब दे जाती हैं।
पिछले दिनो ऋषिकेश डिपो की एक बस अभी से ऋषिकेश आते समय लगभग 11:00 बजे के आसपास मोदीनगर में खराब हो गई तो मैकेनिक भेजकर ठीक कराया गया।
ऋषिकेश डिपो की कार्यशैली पर भी सवाल खड़े होते रहे हैं। पिछले 1 सप्ताह में भी लगभग 6-7 बसें रास्ते में खराब हो चुकी हैं।
पिछले दिनों दिल्ली से घनसाली जा रही बस फकोट में खराब हो गई तो यात्रियों ने खासा हंगामा करते हुए पैसे वापस लिए थे। इससे रोडवेज को खासी किरकिरी का सामना करना पड़ा। यह बस लगभग 5:15 तड़के फकोट के पास खराब हो गई थी। बस में सवार 23 यात्रियों ने चालक और परिचालक को खूब खरी-खोटी सुनाई थी। यही नहीं पिछले दिनों श्रीनगर से आते हुए आईएसबीटी के पास खराब हो गई और ऋषिकेश के नटराज चौक पर जवाब दे गई। इस तरह की खराबी आने पर उच्चाधिकारी भी फोन नहीं उठाते।
इस पर यात्री भी परिवहन निगम की बसों में यात्रा करने से कतरा में लगे हैं और सिर्फ कोई अन्य विकल्प न होने पर ही मजबूरी में यात्रा कर रहे हैं।
इससे रोडवेज की छवि को खासा नुकसान पहुंच रहा है।
देखने वाली बात यह होगी कि परिवहन मंत्री कब तक इसका संज्ञान लेते हैं! परिवहन निगम के उच्चाधिकारी स्टाफ की कमी का हवाला देकर फिटनेस से पल्ला झाड़ते हुए नजर आते हैं लेकिन बिना फिटनेस और बिना टैक्स जमा किए हुए गाड़ियां कभी खराबी के चलते खड़ी हो जाती है तो कभी एआरटीओ इनको टैक्स जमा ना होने के चलते और फिटनेस ना होने के चलते खड़ी करवा देते हैं, जिससे आए दिन सवारियों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।