उत्तराखंड: उत्तराखंड में लगातार किशोरियों के साथ दुष्कर्म की खबरे बढ़ती ही जा रही है। खबर काशीपुर से सामने आ रही है जहां पर युवक द्वारा 17 साल की किशोरी के साथ दुष्कर्म किया गया।
सूत्रों के अनुसार युवती की 17 वर्षीय बेटी के साथ रोज दुष्कर्म होता रहा, लेकिन नाबालिग ने किसी को कुछ नहीं बताया। पीड़िता ने डर के कारण किसी से आपबीती नहीं बताई। उसकी रोज की हरकतों से परेशान होकर बेटी आखिर में अपनी मां के सामने सच बताया।
नाबालिग से दुष्कर्म के मामले में पॉक्सो न्यायालय ने अभियुक्त को आजीवन कारावास और 50,000 रुपये जुर्माना की सजा सुनाई है। दोषी पर धारा 457 में तीन वर्ष का कठोर कारावास, 10,000 जुर्माना और जान से मारने की धमकी देने पर तीन साल का सामान्य कारावास और 5000 रुपये जुर्माना भी लगाया है।
थाना काशीपुर में आरोपी युवक साहिल के खिलाफ पांच जून 2020 को दुष्कर्म और पॉक्सो एक्ट में रिपोर्ट दर्ज हुई थी। पीड़िता की मां ने आरोप लगाया था कि पक्का कोट, काशीपुर निवासी युवक साहिल ने उसकी 17 वर्षीय बेटी से कई बार दुष्कर्म किया। महिला ने बताया कि वह पति से तलाक के बाद दूसरे पति के पास अपनी छोटी बेटी के साथ रहती है, जबकि बड़ी बेटी पूर्व पति के पास रहती थी। आरोपी साहिल पूर्व पति को शराब पिलाने के बहाने आता था और बेटी पर गलत नजर रखता था।
अश्लील वीडियो बनाए
20 अप्रैल 2020 की रात करीब 10 बजे पीड़िता जब घर में सो रही थी तो साहिल उसके कमरे में घुस गया और दुष्कर्म किया। बाद में धमकी दी कि यदि उसने किसी को बताया तो उसके मां-बाप की जान ले लेगा। उसने बेटी के अश्लील वीडियो भी बना लिए, जिसे वायरल करने की धमकी दी। पीड़िता ने डर के कारण किसी से आपबीती नहीं बताई।
पीड़िता को दो लाख रुपये का प्रतिकर दिलाए जाने का आदेश
आरोपी आए दिन बेटी से दुष्कर्म करने लगा। उसकी हरकतों से परेशान होकर बेटी अपनी मां को जानकारी दी। मामले की सुनवाई पॉक्सो जज रीना नेगी के अदालत में हुई। न्यायाधीश ने अपने फैसले में कहा कि पीड़िता की दयनीय पारिवारिक परिस्थितियों और उसके ऊपर बड़ों के संरक्षण के अभाव का फायदा उठाकर अभियुक्त ने पीड़िता के साथ अपराध किया। ऐसे में अभियुक्त को कठोर सजा देना उचित है। न्यायालय ने पीड़िता को दो लाख रुपये का प्रतिकर दिलाए जाने का आदेश जिला विधिक सेवा प्राधिकरण को दिया। अधिवक्ता विकास गुप्ता ने पीड़िता की ओर से पक्ष रखा।