उत्तराखंड में लगातार गबन के मामले बढ़ते ही जा रहे है।वही एक अजब गजब मामला पाबौ विकासखंड
से सामने आ रहा है जहां पर पाबो विकासखंड के राइका चैंपेश्वर में मृतक आश्रित के तौर पर सेवा पाए लिपिक द्वारा उप शिक्षा अधिकारी पावो कार्यालय में तैनात एक अन्य लिपिक के साथ मिलकर पांच लाख 70 हजार रूपये गबन किया है।
आरोप है कि दोनों ने मिलीभगत करके अपने पिता के लाखों देयको को सालों बाद फर्जी कागज लगाकर दोबारा रकम आहरित कर ली जिसके बाद दोनों को निलंबित कर उनके विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज करने के निर्देश भी दिए गए हैं।
राजकीय इंटर कॉलेज चैंपेश्वर में कार्यरत तत्कालीन कनिष्ठ सहायक मनीष सिंह पर आरोप है कि उसने अपने उच्च अधिकारियों के फर्जी हस्ताक्षर करके लाखों रुपए का गबन किया है।
मंडलीय अपर निदेशक महावीर सिंह बिष्ट के निर्देश पर हुई जांच में स्पष्ट हुआ है कि विश्वविद्यालय में पूर्व में कार्यरत रहे सहायक अध्यापक स्वर्गीय राजेंद्र प्रसाद बहुगुणा की मृत्यु के लगभग 11 वर्ष बाद 2019 में जीआईस इंश्योरेंस सेविंग विल व जीआईस के करीब दो लाख 46 हजार रूपये और उसके बाद 2021 में करीब 43 हजार रूपये का भुगतान उनके आश्रितों को किया गया है।
इसी प्रकार विद्यालय में कार्यरत रहे चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी स्वर्गीय प्रद्युमन सिंह गुसाईं की मृत्यु के 7 साल बाद उनके देयकों को लगभग 70हजार रूपये उनके आश्रितों को भुगतान दिखाया गया। यह भुगतान विभाग द्वारा पूर्व में किए जा चुके थे।
जांच में इन भुगतान के संबंध में विद्यालय में ना तो कोई बिल उपलब्ध हो पाया है और ना कोई स्वीकृति आदेश मिला जांच में आरोपित लिपिक ने बताया कि उसे ऑनलाइन कार्य की जानकारी ना होने पर उसने उप शिक्षा अधिकारी कार्यालय पाबो में तैनात वरिष्ठ सहायक दीपक बहुगुणा से इन भुगतानो को लेकर वित्तीय कार्यवाही की मदद मांगी थी दीपक बहुगुणा स्वर्गीय राजेंद्र प्रसाद बहुगुणा का पुत्र है।
कनिष्ठ सहायक मनीष सिंह स्वर्गीय प्रदुमन गुसाईं का पुत्र है जांच में विद्यालय के तत्कालीन डीडीओ चंडी प्रसाद चमोली व प्रभारी प्रधानाचार्य वीरेंद्र प्रसाद ने बताया कि उन्हें ना तो इन भुगतान की जानकारी है ना उन्होंने किसी बिल पर हस्ताक्षर किए थे इसे स्पष्ट हुआ कि बिलों पर फर्जी हस्ताक्षर किए गए थे मंडलीय अपर निदेशक ने फर्जी हस्ताक्षरओं की जांच करने के साथ आरोपी लिपिक मनीष सिंह व दीपक के विरुद्ध केस दर्ज करने के निर्देश दिए हैं।