रिपोर्ट -वैष्णवी भट्ट
उत्तराखंड में अब इन 5 जिलों के चार लाख से अधिक आबादी को 16 घंटे शुद्ध पेयजल की सुविधा मिलेंगी। बता दें कि पेयजल विभाग ने वर्ल्ड बैंक के वित्त पोषण से 5 जिलों में 22 पेयजल योजनाएं स्वीकृत की गई हैं। जिनके ऊपर तेजी से काम चल रहा है। और कई योजनायें ऐसी भी हैं । जिनका काम पूरा भी हो चुका है।
पेयजल विभाग ने कुछ अर्द्धनगरीय क्षेत्रों में पेयजल योजनाएं लगाने के लिए 2011 की जनगणना की थी। जिसके तहत 32 क्षेत्रों को चुना गया था। जिसमे पानी यहां आज भी गांव की पेजयल योजनाओं से अपेक्षाकृत कम मिलता था। जिससे लोगो को काफी दिक्कतों का सामना करना पढ़ता था।अब वर्ल्ड बैंक के वित्त पोषण से यहां 22 क्षेत्रों में योजनाएं स्वीकृत कर ली गई। जिसके तहत कुछ योजनाओ के चलते पानी उपलब्ध होना शुरू हो गया है।
पेयजल निगम के एमडी उदयराज सिंह ने बताया कि इन योजनाओं का उद्देश्य है। की अर्द्धनगरीय क्षेत्रों में 135 लीटर प्रति व्यक्ति प्रतिदिन पानी उपलब्ध कराया जाए। उन्होंने बताया कि कई जगहों में शहरी मानकों के हिसाब से पेयजल की सुविधा मिलना प्रारंभ हो चुकी है। बताया गया है कि इन योजनाओं से 975 करोड़ बजट से 88 हजार घरों में पानी के कनेक्शन दिए जाएंगे, जिससे 4,36,000 आबादी को शुद्ध पेयजल मिल सकेगा।
जिला- योजनाओं के क्षेत्र जहां मिलेंगी सुविधा
1-देहरादून(08)- जीवनगढ़, नत्थनपुर, मेहूंवाला माफी, नथुवावाला, ऋषिकेश देहात, गुमानीवाला, प्रतीत नगर और खड़क माफी
2-टिहरी(01)- ढालवाला क्षेत्र।
3-नैनीताल(03)- हल्द्वानी तल्ली, कुसुमखेड़ा और गौझाजाली क्षेत्र।
4-ऊधमसिंह नगर(03)- उमरूखुर्द, मोहोलिया और बंडिया क्षेत्र।
5-हरिद्वार(07)- सैदपुरा, भंगेड़ी महावतपुर, नगला इमरती, ढंडेरा, मोहनपुर मोहम्मदपुर, बहादराबाद और जगजीतपुर क्षेत्र।
इन योजनाओं की खास बात ये भी है कि अब घर में वाटर प्यूरिफायर लगाने की आवश्यकता नही होगी। खुद पेयजल विभाग के मुख्यालय से लेकर वर्ल्ड बैंक के आला अधिकारी भी इस पानी की गुणवत्ता को कभी भी देख सकते हैं।
सेंसर तकनीक का भी प्रयोग
घरों में स्मार्ट वाटर मीटर लगाए जा रहे हैं जो कि खुद सिग्नल भेजते हैं ।और पेयजल विभाग की मशीन के माध्यम से बिल तैयार हो जाता है। खास बात यह भी है कि इन योजनाओं का पानी बिना किसी सहायता सीधे 12 मीटर की ऊंचाई तक पहुंच सकता है। जिससे साफ पानी कि अच्छी सुविधा हो जाएगी।
Discussion about this post