You might also like
देहरादून — उत्तराखंड की राजनीति में आज एक ऐतिहासिक दिन दर्ज हो गया है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भाजपा सरकार के सबसे लंबे कार्यकाल वाले मुख्यमंत्री बनकर नया कीर्तिमान स्थापित किया है। 4 जुलाई 2021 को पहली बार मुख्यमंत्री बने धामी, अब चार साल के भीतर विश्वसनीय नेतृत्व, ठोस फैसलों और विकास के मॉडल के प्रतीक बन चुके हैं।
धामी का नेतृत्व: भरोसे से बदलाव तक
2017 में मिली भारी जीत के बावजूद भाजपा लगातार मुख्यमंत्री बदलती रही। लेकिन 2021 में पार्टी ने जब एक जमीनी और युवा नेता धामी पर दांव खेला, तो नतीजे चौंकाने वाले थे। महज छह महीने में उन्होंने विधानसभा चुनाव जीतकर खुद को स्थायित्व और नेतृत्व का चेहरा बना दिया।
2022 की प्रचंड जीत के बाद धामी सरकार के फैसले न केवल राज्य की दशा-दिशा बदलने वाले साबित हुए, बल्कि उन्होंने पूरे देश में “उत्तराखंड मॉडल” की चर्चा शुरू कर दी।
धामी सरकार की 5 सबसे बड़े और ऐतिहासिक फैसले
1. समान नागरिक संहिता (Uniform Civil Code – UCC)
धामी सरकार ने भारत में पहली बार 27 जनवरी 2025 को UCC लागू कर इतिहास रच दिया।
➡ अब तक 2 लाख से अधिक पंजीकरण हो चुके हैं।
2. नकल विरोधी कानून (Anti-Cheating Law)
फरवरी 2023 में लागू हुआ यह कानून देश का सबसे सख्त नकल रोधी अधिनियम है, जो प्रतियोगी परीक्षाओं की पारदर्शिता सुनिश्चित करता है।
3. दंगाइयों से वसूली कानून
2024 में लागू कानून के तहत अब सार्वजनिक और निजी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वालों से बाज़ार मूल्य के अनुसार वसूली की जा रही है।
4. गैंगस्टर एक्ट को सख्त बनाना
धामी सरकार ने गोवध, मानव तस्करी, नकल माफिया और मनी लॉन्ड्रिंग जैसे अपराधों को गैंगस्टर एक्ट के तहत लाकर सख्ती दिखाई।
5. आरक्षण बहाली
राज्य आंदोलनकारियों को 10% और महिलाओं को 33% क्षैतिज आरक्षण फिर से बहाल किया गया — एक ऐतिहासिक निर्णय।
सिर्फ फैसले नहीं, विकास की भी नई परिभाषा गढ़ी
-
एप्पल और कीवी मिशन: पहाड़ों में पलायन रोकने की योजना
-
हाउस ऑफ हिमालयाज: स्थानीय उत्पादों को वैश्विक मंच
-
23,000+ सीधी भर्तियां: युवाओं के लिए रोज़गार के अवसर
-
मानसखंड मंदिरमाला मिशन और शीतकालीन यात्रा: धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा
-
SDG इंडेक्स और GEP प्रदर्शन में अग्रणी राज्य
प्रधानमंत्री मोदी का विश्वास और जनता का समर्थन
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद धामी के काम से प्रभावित हैं। उन्होंने कई बार सार्वजनिक मंचों पर उत्तराखंड मॉडल की तारीफ की है, विशेषकर सिलक्यारा टनल संकट के समय मुख्यमंत्री धामी के त्वरित और निर्णायक नेतृत्व की।
धामी की सबसे बड़ी ताकत है — सौम्यता के साथ कठोर फैसले लेने की क्षमता, जिसने उन्हें जनता और पार्टी दोनों का भरोसेमंद चेहरा बना दिया।
भाजपा सरकारों में मुख्यमंत्री कार्यकाल तुलना
मुख्यमंत्री | कार्यकाल |
---|---|
नित्यानंद स्वामी | 9 नवम्बर 2000 – 29 अक्टूबर 2001 |
भगत सिंह कोश्यारी | 30 अक्टूबर 2001 – 1 मार्च 2002 |
मेजर जनरल बीसी खंडूड़ी | 7 मार्च 2007 – 26 जून 2009, फिर 11 सितम्बर 2011 – 13 मार्च 2012 |
रमेश पोखरियाल निशंक | 27 जून 2009 – 10 सितम्बर 2011 |
त्रिवेंद्र सिंह रावत | 18 मार्च 2017 – 10 मार्च 2021 |
तीरथ सिंह रावत | 10 मार्च 2021 – 3 जुलाई 2021 |
पुष्कर सिंह धामी | 4 जुलाई 2021 – अब तक (4+ वर्ष) |
निष्कर्ष: उत्तराखंड का भविष्य आज से लिखा जा रहा है
धामी के चार साल केवल एक आंकड़ा नहीं हैं, यह एक विचारधारा, विज़न और उत्तराखंड के नव-निर्माण की कहानी है। जब देशभर में राजनीतिक अस्थिरता की चर्चा होती है, तब उत्तराखंड में स्थायित्व और सुशासन की मिसाल पेश की गई है।
अब जब पुष्कर सिंह धामी ने भाजपा के इतिहास में नया अध्याय जोड़ा है, तो सवाल यह नहीं है कि वे यहां तक कैसे पहुंचे — बल्कि यह है कि अब उनकी अगली भूमिका क्या होगी: उत्तराखंड के बाहर भी कुछ बड़ा?
Discussion about this post