गरीबी और मजबूरी के बीच रुकी पढ़ाई, स्कूल नहीं दे रहा था टीसी
13 नवंबर को नाजमा खातून ने डीएम कार्यालय में शिकायत दी थी कि उनका बेटा समद अली 8वीं की परीक्षा उत्तीर्ण कर 9वीं कक्षा में अध्ययनरत है।
स्कूल की फीस अधिक होने और परिवार की आर्थिक स्थिति खराब होने के कारण वे जून से अक्टूबर तक की फीस जमा नहीं कर पाईं। पति दिव्यांग हैं और घर में आय का कोई स्थाई स्रोत नहीं है, ऐसे में स्कूल फीस भरना संभव नहीं था।
नाजमा ने डीएम को बताया कि फीस लंबित होने के कारण स्कूल प्रबंधन टीसी देने से इनकार कर रहा है, जिससे बच्चे की आगे की पढ़ाई ठप हो गई है।
डीएम का कड़ा संज्ञान, मुख्य शिक्षा अधिकारी को दिए निर्देश
महिला की दयनीय स्थिति को देखते हुए जिलाधिकारी ने तुरंत मुख्य शिक्षा अधिकारी (CEO) को जांच कर रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए।
डीएम के हस्तक्षेप के बाद स्कूल प्रबंधन हरकत में आया और बच्चे की फीस माफ करते हुए ट्रांसफर सर्टिफिकेट जारी कर दिया।
दो दिन में मिला न्याय, बच्चे की पढ़ाई अब नहीं रुकेगी
मुख्य शिक्षा अधिकारी ने जिलाधिकारी को सौंपे गए प्रतिवेदन में पुष्टि की है कि समद अली की संपूर्ण लंबित फीस माफ कर दी गई है और टीसी निर्गत कर दी गई है।
जिलाधिकारी के त्वरित संज्ञान के चलते एक बच्चे की शिक्षा बाधित होने से बच गई और परिवार की महीनों की परेशानी खत्म हो गई है।












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