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देहरादून: श्री गुरु राम राय दरबार साहिब और उससे संबद्ध महंत इंदिरेश अस्पताल के विरुद्ध सोशल मीडिया पर टिप्पणी करने के मामले में न्यायालय ने अहम निर्णय सुनाया है। अदालत ने संबंधित व्यक्ति अमित तोमर की सोशल मीडिया पोस्टों पर तत्काल प्रभाव से रोक लगाने का आदेश दिया है।
इस मामले में श्री दरबार साहिब के व्यवस्थापक मधुसूदन सेमवाल द्वारा 25 करोड़ रुपये की मानहानि का दावा दर्ज कराया गया था। दावा किया गया कि कुछ समय से अमित तोमर, अपने साथियों के साथ मिलकर दरबार साहिब और उससे जुड़ी संस्थाओं के विरुद्ध निराधार आरोप लगा रहे थे, जिससे संस्थाओं की छवि को नुकसान पहुंच रहा था।
अदालत ने मामले की गंभीरता को देखते हुए न केवल सोशल मीडिया पर की जा रही गतिविधियों पर रोक लगाई है, बल्कि अमित तोमर के श्री गुरु राम राय संस्थाओं के परिसरों में प्रवेश पर भी प्रतिबंध लगा दिया है।
पूर्व में अमित तोमर ने मातावाला बाग क्षेत्र में पेड़ कटवाने के आरोप लगाए थे, जिन्हें वन विभाग की जांच में असत्य पाया गया। इसके बाद उन्होंने महंत इंदिरेश अस्पताल को लेकर भी आरोप लगाए थे, जो संस्थान के अनुसार निराधार थे।
सूत्रों की मानें तो संबंधित व्यक्ति के विरुद्ध पूर्व में भी विवादित गतिविधियों की शिकायतें दर्ज की गई हैं, और मामले की गहन जांच जारी है।
यह मामला अब सार्वजनिक चर्चाओं का विषय बन चुका है, और न्यायालय के निर्णय को लेकर समाज के विभिन्न वर्गों में सकारात्मक प्रतिक्रिया देखी जा रही है।