उत्तरकाशी/देहरादून।
उत्तरकाशी जिले के CHC चिन्यालीसौड़ में आयुष्मान भारत योजना पिछले कई महीनों से पूरी तरह ठप है। डेढ़ साल का रिकॉर्ड “शून्य” मिलने के बाद अब यह मामला सीधे प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) तक पहुँच गया है। शिकायत में स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को प्रधानमंत्री की महत्वाकांक्षी योजना को “ठप कर देने” और जनता के साथ धोखा करने का आरोप लगाया गया है।
डेढ़ साल से एक भी लाभार्थी नहीं—RTI का बड़ा खुलासा
RTI से पता चला है कि CHC चिन्यालीसौड़ में पिछले 18 महीनों में एक भी मरीज आयुष्मान योजना के तहत इलाज नहीं कर पाया।
न कार्ड सत्यापन,
न उपचार अनुमोदन,
न क्लेम प्रोसेस—
पूरा सिस्टम कागज़ों में बंद पड़ा है।
चौंकाने वाली स्थिति—अस्पताल में एक भी आयुष्मान कर्मी नहीं
RTI और आधिकारिक पत्रों में साफ हुआ है कि CHC में आज तक एक भी आयुष्मान मित्र की नियुक्ति नहीं हुई। यही वजह है कि—
लाभार्थी पंजीकरण
अस्पताल में इलाज की मंजूरी
क्लेम प्रक्रिया
मरीज सहायता
सबकुछ महीनों से बंद पड़ा है। कई मरीज इलाज न मिल पाने के कारण अस्पताल से लौटने को मजबूर हैं।
निरीक्षण व्यवस्था ध्वस्त—रजिस्टर तक न होने का खुलासा
अधिकारी निरीक्षण रजिस्टर तक उपलब्ध न होने की बात स्वीकार चुके हैं। CHC प्रभारी ने अपने पत्रों में बताया है कि—
न नियमित निरीक्षण हो रहा है
न स्टाफ की नियुक्ति
न ही मॉनिटरिंग
इसे प्रशासनिक ढहाव और गंभीर लापरवाही माना जा रहा है।
CMO पर सीधा आरोप—CHC प्रभारी का लिखित बयान
प्रभारी चिकित्सा अधिकारी ने अपने पत्रों में साफ लिखा है कि—
CMO उत्तरकाशी को बार-बार आयुष्मान स्टाफ की मांग भेजी
लेकिन आज तक एक भी कर्मचारी उपलब्ध नहीं कराया गया
इसी कारण CHC में योजना पूरी तरह ठप है
यह बयान जिला स्वास्थ्य प्रशासन की कार्यशैली पर गंभीर सवाल खड़ा करता है।
ग्रामीणों का आरोप—“योजना को मज़ाक बना दिया”
स्थानीय जनता का कहना है कि जिन्हें इस योजना से राहत मिलनी थी, वही लोग आज सबसे ज़्यादा परेशान हैं।
ग्रामीणों का आरोप—
“अधिकारियों ने प्रधानमंत्री की योजना को हल्के में लिया है। गरीबों के अधिकारों का खुला उल्लंघन हो रहा है।”
PMO से कार्रवाई की मांग
PMO को भेजे गए शिकायत पत्र में मांग की गई है—
1. CHC चिन्यालीसौड़ में आयुष्मान कर्मियों की तत्काल नियुक्ति हो
2. CMO उत्तरकाशी और संबंधित अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए
3. योजना की केंद्रीय निगरानी को मजबूत किया जाए
पर्वतीय क्षेत्रों की जनता परेशान, नाराज़गी बढ़ी
पहाड़ी क्षेत्रों में गरीब और दूरस्थ परिवार इलाज के लिए आयुष्मान योजना पर निर्भर रहते हैं। ऐसे में योजना के पूरी तरह ठप होने को लोग “स्वास्थ्य अधिकारों की क्रूर उपेक्षा” बता रहे हैं।













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