रिपोर्ट: विनोद कोठियाल…
गैरसैंण, भराड़ीसैंण। उत्तराखंड विधानसभा का चार दिवसीय मॉनसून सत्र मंगलवार 19 अगस्त से चमोली जिले के गैरसैंण स्थित भराड़ीसैंण विधानसभा भवन में शुरू हुआ। शुरुआत से ही सदन का माहौल गर्म रहा और विपक्ष ने आपदा राहत व कानून व्यवस्था के मुद्दों पर जोरदार हंगामा किया।
कार्यवाही कई बार स्थगित
सत्र शुरू होते ही विपक्षी विधायक वेल तक पहुंच गए। नारेबाजी और हंगामे के कारण सदन की कार्यवाही पहले 12:30 बजे तक और बाद में 3 बजे तक स्थगित करनी पड़ी। विपक्षी विधायकों ने सदन के भीतर पर्चे फाड़े, एक माइक तोड़ा और सचिव का टेबल भी गिरा दिया।
सीएम का माइक कनेक्शन टूटा मिला
हंगामे के बीच मुख्यमंत्री सदन में पहुंचे। लेकिन इस दौरान एक और अनोखी स्थिति देखने को मिली। मुख्यमंत्री का माइक कनेक्शन टूटा हुआ था, जिसके चलते उन्हें पहली बार इतिहास में दूसरी सीट से बोलना पड़ा। उन्होंने पूर्व विधायक मुन्नी देवी के निधन पर शोक प्रस्ताव भी पढ़ा।
नियम 310 में चर्चा की मांग
कांग्रेस विधायकों ने कानून-व्यवस्था और आपदा प्रबंधन के मुद्दे को नियम 310 के तहत सदन में उठाने की मांग की। वहीं संसदीय कार्यमंत्री सुबोध उनियाल ने कांग्रेस पर सदन का अपमान करने का आरोप लगाया और हंगामा कर रहे विधायकों को दिनभर के लिए निलंबित करने की मांग की।
नैनीताल DM-SSP की बर्खास्तगी की मांग
विपक्ष ने नैनीताल में हाल की घटनाओं को लेकर DM और SSP की बर्खास्तगी की मांग की। कांग्रेस विधायकों का कहना था कि सदन में नेता प्रतिपक्ष को उचित सम्मान दिया जाना चाहिए।
धारा 163 लागू
सत्र की शुरुआत के साथ ही 19 अगस्त से 22 अगस्त शाम 5 बजे तक भराड़ीसैंण विधानसभा भवन के 5 किलोमीटर दायरे में धारा 163 लागू कर दी गई है। इस दौरान प्रदर्शन और धरना-प्रदर्शन पर रोक रहेगी।
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