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देहरादून : क्रिकेट एसोसिएशन ऑफ उत्तराखंड (CAU) के उपाध्यक्ष रहे धीरज भंडारी की संगठन से सदस्यता को ओंबड्समैन एंड एथिक्स ऑफिसर द्वारा निरस्त कर दिया गया है। 8 अप्रैल 2025 को जारी आदेश में ओंबड्समैन ने भंडारी पर संगठन विरोधी गतिविधियों में लिप्त होने और गोपनीय सूचनाओं को थर्ड पार्टी से साझा करने जैसे गंभीर आरोपों को सत्य पाया।
गुप्त दस्तावेज लीक करने और झूठी शिकायतों का आरोप
धीरज भंडारी पर लंबे समय से क्रिकेट एसोसिएशन के गोपनीय दस्तावेजों को थर्ड पार्टी के साथ साझा करने, लीगल नोटिस भेजने और पुलिस में निराधार शिकायत दर्ज कराने जैसे आरोप लगते रहे हैं। इन गतिविधियों से संगठन की छवि को भारी नुकसान पहुंचा। अपेक्स काउंसिल को इन पर कई शिकायतें प्राप्त हुई थीं, जिन्हें अंतिम निर्णय के लिए ओंबड्समैन को भेजा गया।
वरिष्ठ पदाधिकारियों ने की थी शिकायतें
इस मामले में CAU के कानूनी सलाहकार बीएस नेगी, सचिव माहिम वर्मा, अध्यक्ष गिरीश गोयल, कोषाध्यक्ष मानस मेंघवाल और सीईओ मोहित अग्रवाल सहित कई वरिष्ठ पदाधिकारियों ने धीरज भंडारी की कार्यप्रणाली पर आपत्ति जताई थी। इन पदाधिकारियों ने आरोप लगाया कि भंडारी ने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए उन्हें कानूनी नोटिस भेजे और उनकी छवि खराब करने की कोशिश की।
ओंबड्समैन ने माना पद का दुरुपयोग
संगठन के ओंबड्समैन जस्टिस एम एन भंडारी (पूर्व चीफ जस्टिस) ने जांच में पाया कि धीरज भंडारी ने संगठन के आंतरिक दस्तावेजों को बिना अनुमति बाहरी विशेषज्ञों को भेजा, अनुशासनहीनता की, और अपने सहयोगी पदाधिकारियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई कर संगठन में अविश्वास का माहौल बनाया।
ओंबड्समैन ने यह भी कहा कि भंडारी ने संगठन की आंतरिक प्रक्रियाओं को दरकिनार करते हुए पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई, जिससे CAU की प्रतिष्ठा को गंभीर नुकसान हुआ।
भंडारी की ओर से इनकार, लेकिन शिकायतें पाईं गईं सही
भंडारी की ओर से उनकी कानूनी प्रतिनिधि चित्रांजलि नेगी ने सभी आरोपों को निराधार बताया और कहा कि उनकी मंशा संगठन की छवि बिगाड़ने की नहीं थी। लेकिन ओंबड्समैन ने इन दलीलों को स्वीकार नहीं किया और उपलब्ध साक्ष्यों के आधार पर सदस्यता समाप्त करने का निर्णय लिया।
फिर से सदस्यता के लिए कर सकते हैं आवेदन
हालांकि, ओंबड्समैन के आदेश में यह भी स्पष्ट किया गया है कि धीरज भंडारी भविष्य में फिर से संगठन की नई सदस्यता के लिए आवेदन करने के लिए स्वतंत्र हैं।