ब्यूरो न्यूज़ उत्तराखंड ब्रॉडकास्ट
उत्तराखंड में पहाड़ों के जंगल इस वर्ष भी हमेशा की तरह खूब धधके,मीडिया रिपोर्ट के अनुसार लगभग 1312 हेक्टेयर से अधिक जंगल जल चुके,खबरें सामने आई इस वर्ष उत्तराखंड की इस त्रासदी में अपने सारे रिकार्ड तोड़ दिए हैं।
जंगलों के बीच बसे गांवों के युवाओं ने इस वनाग्नी और बीते दिन बादल फटने की घटना को लेकर युवाओं के सोशल मीडिया पेज से अब अपने सांसद मंत्री और मुख्यमंत्री पर जोरदार कटाक्ष किया हैं,युवाओं ने तीनों की फोटो का एक पोस्टर सोशल मीडिया में डाला जिसमें लिखा क्या हमारे पसंदीदा नेताओं को हमारी जरूरत सिर्फ चुनाव तक होती हैं?मतलब चुनाव खत्म रिश्ता ख़त्म!
इसका कारण बताते हुए लिखा हैं क्योंकि हमारे विधायक सांसद यहां तक की मुख्यमंत्री भी हमारे जंगल जब जल रहें थे तब भी मौन थे, बादल फटने से करोड़ों का नुकसान हो गया तब भी म्यूट ही दिख रहें हैं।
युवाओं ने पोस्टर के साथ कटाक्ष करते हुए यह भी लिखा कि दीदी, भुला और दाज्यू तीनों अन्य राज्यों के चुनाव प्रचार में लगे हुए हैं।
शायद मिलेंगे 2027 के विधानसभा चुनावों में आर्थिक सहायता, कुछ बोतल रंगीन पानी और भाने-बर्तनों के साथ।
अब इसके बाद लगातार पोस्ट पर युवा अपनी प्रतिक्रिया कर रहें हैं,लगातार कमेंट हो रहें हैं और सरकार एवम अधिकारियों से सवाल किए जा रहें हैं,साथ ही हर घर से एक युवा आगे आकर अपने जंगलों को बचाने आए ऐसे सकारात्मक सुझाव भी आ रहें हैं।
उत्तराखंड के जंगल प्रतिवर्ष जलते हैं विज्ञान के युग में हमेशा ही देखा जाता हैं सरकार और पूरा तंत्र हमेशा नाकाम रहता हैं,हमेशा अंत में सहारा बारिश से होती हैं और प्रार्थना में भगवान।
मुख्यमंत्री चुनावी दौरे में लगातार व्यस्त रहें और अचानक दौरा रद्द कर वापस आए,गंभीरता मुख्यमंत्री की ऐसी रही की तत्काल वन विभाग से जुड़े डेढ़ दर्जन अधिकारियों को निलंबित कर दिया,लेकिन इस निर्णय के बाद ये सवाल उठने लगे की क्या इस ऐतिहासिक निर्णय से अब आग बुझ जायेगी?
क्या अबतक ये अधिकारी काम नहीं कर रहें थे,मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा इसकी समीक्षा इतने समय बाद क्यों की गई,जब पहले दिन से जंगल जलने शुरू हुए तो आखिर तब गंभीरता से इसे क्यों नहीं लिया गया जबकि प्रतिवर्ष हम ये अग्नि का कहर देखते आ रहें हैं?
राज्य की तमाम खबरों को पढ़ने के लिए जुड़े रहिए उत्तराखंड ब्रॉडकास्ट से,खबरों के लिए संपर्क करें +917505446477,+919258656798