रुड़की। विधानसभा चुनाव 2022 में मुस्लिम यूनिवर्सिटी खोले जाने का बयान देकर चर्चाओं में आये आकिल अहमद ने कहा कि कांग्रेस प्रदेश में उनके बयान से चुनाव नही हारी बल्कि अपनी कमियों से हारी है।
आपको बता दे कि अकील अहमद ने टिकट बेचे जाने का भी आरोप लगाया। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि वह अपने व्यक्तिगत खर्च से प्रदेश में मुस्लिम यूनिवर्सिटी खोलेंगे जिसकी नींव 2024 के बाद रखेंगे। इसके साथ ही हरिद्वार से लोकसभा चुनाव लड़ने का दावा भी किया।
उन्होंने कहा भाजपा नेताओं ने मुस्लिम यूनिवर्सिटी के बयान को गलत तरीके से पेश किया उन्होंने यह भी कहा कि भाजपा प्रदेश अध्यक्ष, मुख्यमंत्री से लेकर राष्ट्रीय अध्यक्ष और प्रधानमंत्री ने इसे मुद्दा बना लिया और पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के नाम के साथ इसे जोड़ दिया। अकील ने कहा कि कांग्रेस संगठन के सामने जब उन्होंने यह मांग रखी थी तो उन्होंने भी इसे सीरियस नही लिया था और न ही कांग्रेस के घोषणा पत्र में यह शामिल था।
उन्होंने कहा कि उन्होंने कोई गलत मांग नही की थी एक शिक्षा का स्थान खोला जाना कोई गलत नही है अगर मुस्लिम यूनिवर्सिटी खोली जाती है तो उसमें गलत तो कुछ भी नही है
आपको बता दे कि अकील ने यह भी कहा कि अब यह मुद्दा जब गर्म हो ही गया है तो वह मुस्लिम यूनिवर्सिटी खोले जाने की लड़ाई अब मजबूती के साथ लड़ेंगे और 2024 के बाद स्वयं मुस्लिम यूनिवर्सिटी की नींव रखेंगे और व्यक्तिगत ख़र्चे से यूनिवर्सिटी खोलेंगे।
इसके साथ ही उन्होंने कहा कि कांग्रेस के बड़े नेताओं ने हार का ठीकरा उनके सर फोड़ा कहा कि यह नेता सिर्फ अपनी कमियां छिपा रहे हैं आरोप लगाया कि कांग्रेस के नेताओं ने चापलूसी करने वाले और अपने करीबियों को टिकट दिए इसके साथ ही टिकट बेचे भी गए। कहा कि कांग्रेस ने मुस्लिमों को केवल वोट के लिए इस्तेमाल किया है पूरे प्रदेश में 35 सीटें मुस्लिम प्रभावित हैं लेकिन केवल मंगलौर और कलियर में मुस्लिम प्रत्याशी लड़ाए गए।
अकील ने कहा कि पांच राज्यों में क्या कांग्रेस उनके बयान की वजह से चुनाव हारी। कहा कि हरीश रावत ने कहा कि उन्हें प्रदेश उपाध्यक्ष किसने बनाया अगर उन्हें यह पूछना है तो प्रदेश प्रभारी से पूछें। उन्होंने कहा कि अगर उन्हें हार का जिम्मेदार माना जा रहा है तो संगठन उन्हें निष्कासित कर दे। वहीं उन्होंने कहा कि वह हरिद्वार लोकसभा सीट से 2024 में चुनाव लड़ेंगे। कहा कि अब हरीश रावत या राहुल गांधी कोई भी मनाने आये नही मानूँगा। इस अवसर पर राजु तोमर, भूरा पहलवान, हाजी मोहम्मद अली, हारून, इमरान, इमरान खान, मोमिन, राशिद, इसरार, गफ्फार आदि लोग मौजूद रहे।