श्रीनगर क्षेत्र की रहने वाली एक महिला ने एसएसपी को पत्र भेजकर अपने साथ हुए यौनशोषण पर इंसाफ मांगा है।
महिला ने पत्र में लिखा है कि अपने साथ हुए बलात्कार कि मुकदमे में बयान देने के लिए दरोगा के बुलाने पर उनके पास गई तो दरोगा ने इंसाफ दिलाने के बजाय उनके साथ यौनशोषण किया है। इसकी शिकायत उच्च अधिकारियों को भी की गई लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई है।
महिला ने बताया कि उसके दोस्त ने शादी का झांसा देकर उनके साथ यौन शोषण किया, जिस संबंध में शिकायत लेकर पिछले साल अगस्त माह में महिला थाने गई जिसकी जांच एक महिला पुलिसकर्मी कर रही थी लेकिन कुछ दिन बाद एक दरोगा का फोन आया और उन्होंने महिला को बताया कि उनकी जांच अब से वह करेंगे।
महिला ने पत्र में लिखा है कि दरोगा ने मुझे बयान देने के लिए अपने कमरे में बुलाया जो थाने के ठीक सामने था। उसके बाद दरोगा तीन-चार दिन लगातार उन्हें फैसला करने के लिए समझाता रहा। एक दिन महिला को दरोगा ने कोचिंग सेंटर में बुलाया और कहा कि दोस्ती में यह सब चलता है जो तुम्हारे साथ हुआ है यही सबके साथ होता है।
साथ ही महिला ने यह भी आरोप लगाए कि जब भी महिला को बयान के लिए बुलाया जाता था तो दरोगा अपने कमरे में रात को 11:00 के बाद ही बुलाता था साथ ही वहां कोई महिला पुलिसकर्मी भी नहीं रहती थी।
पत्र में आगे महिला ने आरोप लगाया कि दरोगा ने एक बार बुलाकर जबरदस्ती गाड़ी में बैठा लिया और श्रीकोट ले गया जहां पर दरोगा ने महिला से जबरदस्ती शारीरिक संबंध बनाए। और महिला को समझौता करने का दबाव बनाया।
साथ ही दरोगा ने यह भी कहा कि तू अच्छी लड़की है मैं खुद तेरे से शादी करूंगा। और यह कहकर महिला का उसके बलात्कारी पूर्व दोस्त के साथ होटल के एक कमरे में समझौता करा दिया।
उसके बाद महिला और दरोगा की लंबे समय तक वीडियो कॉल पर बातें होती रही। दरोगा द्वारा महिला से कपड़े उतारने को भी बोला जाता था।
महिला ने आरोप लगाया कि मुझे न्याय दिलाने की जगह मेरे साथ उल्टा शोषण ही किया गया।
इस पूरे मामले की शिकायत पीड़ित महिला ने डीजीपी से भी की डीजीपी ने कार्यवाही के लिए बोल दिया था लेकिन उसके बाद भी महिला पर दरोगा का नाम न लेने के लिए दबाव बनाया गया।
महिला ने आरोप लगाया कि मुझे न्याय दिलाने की जगह मुझे डराया जा रहा है। महिला ने एसएसपी से न्याय की उम्मीद से गुहार लगाई है।
अब देखना यह होगा कि इस पूरे मामले में क्या कार्यवाही होती है!
पुलिस का पक्ष जानने के लिए एसएसपी पौड़ी कार्यालय से सम्पर्क किया गया लेकिन कई बार संपर्क करने पर भी इनका वर्जन नहीं मिल पाया। पक्ष मिलने पर प्रकाशित कर दिया जाएगा।