कर्मचारियों के लिए खुश खबरी,दूसरी बार बढ़ा डीए अब 46 प्रतिशत से बढ़कर हुआ 50 प्रतिशत
उत्तराखंड के सरकारी कर्मचारियों के लिए अच्छी खबर है।
उत्तराखंड सरकार ने करीब 04 लाख कर्मचारियों को दोहरी सौगात दी है। जिन कर्मचारियों को लोहड़ी के अवसर पर 13 जनवरी को बढ़े हुए डीए (महंगाई भत्ता) की सौगात दी गई थी, उन्हें दो माह के भीतर दूसरी बार बढ़े हुए डीए का लाभ दिया गया है।
आपको बता दे कि अब कर्मचारियों का डीए 46 प्रतिशत से बढ़कर 50 प्रतिशत हो गया है। बढ़े हुए डीए का लाभ 01 जनवरी 2024 से दिया गया है। जबकि पिछले आदेश में 01 जुलाई 2023 से यह लाभ दिया गया था। तब डीए की दर 42 से बढ़ाकर 46 प्रतिशत की गई थी।
उत्तराखंड सरकार के आदेश के मुताबिक कर्मचारियों को मूल वेतन के हिसाब से प्रतिमाह 800 रुपये से लेकर करीब 08 हजार रुपये तक का लाभ मिलेगा। बढ़े हुए महंगाई भत्ते का लाभ राज्य कर्मचारियों के साथ ही सहायता प्राप्त शिक्षण एवं प्राविधिक शिक्षण संस्थान, शहरी स्थानीय निकायों के पूर्णकालिक कर्मी, कार्य प्रभारित (वर्कचार्ज) कर्मचारी व यूजीसी वेतनमानों में कार्यरत पदधारकों मिलेगा। इस संबंध में सचिव वित्त दिलीप जावलकर ने आदेश जारी किया है।
शासन का यह आदेश उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों,
उत्तराखंड लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष/सदस्यों तथा सार्वजनिक उपक्रम आदि के कार्मिकों पर स्वतः लागू नहीं होंगे। इस संबंध में संबंधित विभागों की ओर से अलग से आदेश निर्गत किया जाना अपेक्षित होगा। उक्त कार्मिकों को दिनांक 01 जनवरी 2024 से 29 फरवरी 2024 तक के पुनरीक्षित मंहगाई भत्ते के अवशेष (एरियर) का भुगतान नकद किया जाएगा।
01 मार्च 2024 से मंहगाई भत्ते का भुगतान नियमित वेतन के साथ किया जाएगा, लेकिन अंशदायी पेंशन योजना से आच्छादित कार्मिकों के पेंशन अंशदान नियोक्ता के अंश के साथ नई पेंशन योजना से संबंधित खाते में जमा की जाएगी और शेष धनराशि नकद भुगतान की जाएगी। साथ ही कहा गया है कि उक्त वर्णित शर्तों और पूर्व में वर्णित शर्तों/प्रतिबंधों के अधीन स्वीकृत मंहगाई भत्ता उत्तराखंड राज्य के अधीन कार्यरत अखिल भारतीय सेवा के अधिकारियों को भी अनुमन्य होगा।
सुबह कर्मचारी सीएम से मिले, शाम को आदेश जारी
राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के प्रदेश अध्यक्ष अरुण पांडे ने बढ़े हुए महंगाई भत्ते का शासनादेश जारी होने पर खुशी व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि कर्मचारियों कि यह मुराद पूरी हो गई है। इसके लिए उन्होंने सरकार और शासन का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि इस मांग को लेकर गुरुवार सुबह परिषद का प्रतिनिधिमंडल मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से मिला था। इसके कुछ घंटों के भीतर ही उनकी मुराद भी पूरी हो गई।