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डीएम सविन बंसल ने जिला आबकारी अधिकारी केपी सिंह के निलंबन की संस्तुति की
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जनसुरक्षा के खिलाफ जाकर निजी हित में की कार्यवाही
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शासन, आयुक्त और हाईकोर्ट ने डीएम के फैसले को माना सही
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सड़क सुरक्षा समिति के आदेश के बाद 6 शराब दुकानों को हटाने का निर्णय
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आबकारी अधिकारी पर सरकारी तंत्र को गुमराह करने के आरोप
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मुख्यमंत्री के सुशासन संकल्प के विरुद्ध आचरण
देहरादून: देहरादून से आज की सबसे बड़ी खबर सामने आ रही है। जिले के आबकारी अधिकारी केपी सिंह पर प्रशासनिक गाज गिरने वाली है। जिला प्रशासन, शासन और न्यायालय के स्पष्ट आदेशों के बावजूद उन्होंने जनहित के फैसलों का विरोध किया और अपने पदेन दायित्वों के विपरीत जाकर कार्य किए।
सूत्रों की मानें तो डीएम सविन बंसल ने केपी सिंह के निलंबन की संस्तुति कर दी है। यही नहीं, उन पर शासन और हाईकोर्ट को निजी स्वार्थ में गुमराह करने की भी गंभीर टिप्पणी सामने आई है। संबंधित मामले में उच्च स्तरीय जांच संस्थित कर दी गई है।
मामला क्या है?
दरअसल, देहरादून की सड़क सुरक्षा समिति की बैठक में यह निष्कर्ष निकला था कि सनपार्क इन चौक, चूना भट्टा, बिंदाल तिराहा, रोजगार तिराहा जैसी जगहों पर स्थित शराब की दुकानें यातायात और जनसुरक्षा में बाधा बन रही हैं।
इस पर डीएम सविन बंसल की अध्यक्षता में छह देशी-विदेशी शराब दुकानों को शिफ्ट करने का आदेश जारी किया गया। संबंधित दुकानदारों ने इस फैसले के खिलाफ उच्च न्यायालय, आबकारी आयुक्त और शासन तक अपील की, लेकिन हर स्तर पर निर्णय को सही ठहराया गया।
आबकारी अधिकारी का विरोध और भूमिका पर सवाल
सूत्रों का कहना है कि जिला आबकारी अधिकारी केपी सिंह ने इस जनहितकारी निर्णय का लगातार विरोध किया। उन्होंने निजी हित में हाईकोर्ट को भ्रामक जानकारी भेजी और शासन को गुमराह करने का प्रयास किया। उनकी भूमिका पर CSC (सड़क सुरक्षा समिति) और अन्य संस्थाओं ने भी सख्त टिप्पणी की है।
प्रशासन का संदेश स्पष्ट – जनसुरक्षा सर्वोपरि
देहरादून प्रशासन ने यह साफ कर दिया है कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के “सेवा, सुरक्षा और सुशासन” के संकल्प को साकार करने में कोई कोताही नहीं बरती जाएगी। जनसुरक्षा से खिलवाड़ करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा।
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