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क्या है एलिवेटेड रोड परियोजना?
यह परियोजना 26 किलोमीटर लंबी दो एलिवेटेड सड़कों का निर्माण करेगी, जो रिस्पना और बिंदाल नदी के दोनों किनारों पर पिलर के सहारे बनाई जाएंगी। इस प्रोजेक्ट का उद्देश्य शहर के भीतर जाम की समस्या को कम करना और यातायात को सुगम बनाना है, खासकर दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे के कारण बढ़ने वाले वाहन दबाव को नियंत्रित करना।
बैठक में क्या हुआ?
देहरादून में आयोजित इस जन सुनवाई में लोनिवि अधिकारियों, नागरिकों, विशेषज्ञों और हितधारकों ने भाग लिया। लोनिवि के अधिशासी अभियंता जितेंद्र त्रिपाठी ने बताया कि यह परियोजना शहर की आंतरिक सड़कों पर दबाव कम करने में मील का पत्थर साबित होगी।
उत्तराखंड इंजीनियर्स एंड आर्किटेक्ट्स एसोसिएशन के अध्यक्ष डीएस राणा ने भी परियोजना से जुड़े विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की और सुझाव दिए। उन्होंने कहा कि अतिक्रमण और अन्य बाधाओं के बावजूद सरकार को इस परियोजना को दृढ़ इच्छाशक्ति के साथ आगे बढ़ाना चाहिए।
एलिवेटेड रोड का रूट और बजट
बिंदाल नदी पर एलिवेटेड रोड:
- शुरुआत: कारगी चौक (हरिद्वार बाईपास रोड)
- अंत: राजपुर रोड (साईं मंदिर के पास)
- लंबाई: 14.8 किमी
- चौड़ाई: 20.2 मीटर (रैंप: 6.5 मीटर)
- मुख्य जंक्शन: लालपुल चौक, बिंदाल तिराहा, मसूरी डाइवर्जन
- डिजाइन स्पीड: 60 किमी प्रति घंटे
- कुल लागत: 3,743 करोड़ रुपये
रिस्पना नदी पर एलिवेटेड रोड:
- शुरुआत: रिस्पना पुल (विधानसभा के पास)
- अंत: नागल पुल (नागल)
- लंबाई: 10.946 किमी
- चौड़ाई: 20.2 मीटर (रैंप: 6.5 मीटर)
- मुख्य जंक्शन: सहस्रधारा चौक, आईटी पार्क
- डिजाइन स्पीड: 60 किमी प्रति घंटे
- बजट: 2,509 करोड़ रुपये
परियोजना क्षेत्र में भूमि अधिग्रहण का विवरण
इस परियोजना में सरकारी, निजी और वन भूमि का अधिग्रहण किया जाएगा।
बिंदाल नदी क्षेत्र:
- सरकारी भूमि: 33.174 हेक्टेयर
- निजी भूमि: 13.96 हेक्टेयर
- वन भूमि: 1.2 हेक्टेयर
- स्थायी ढांचे: 560 (80 निजी भूमि पर)
- अस्थायी ढांचे: 980
रिस्पना नदी क्षेत्र:
- सरकारी भूमि: 49.79 हेक्टेयर
- निजी भूमि: 6.45 हेक्टेयर
- स्थायी ढांचे: 458 (129 निजी भूमि पर)
- अस्थायी ढांचे: 621
सरकारी मशीनरी अब दिखा रही सक्रियता
लोक निर्माण विभाग ने अगस्त 2024 में परियोजना की डीपीआर (Detail Project Report) का पहला चरण पूरा कर लिया था, जिसे IIT रुड़की द्वारा जांचा-परखा गया और विशेषज्ञों ने इसे उपयुक्त पाया। अब सोशल इंपैक्ट असेसमेंट (SIA) की प्रक्रिया शुरू होने से परियोजना को गति मिलने की उम्मीद बढ़ गई है।
निष्कर्ष
देहरादून में इस एलिवेटेड रोड परियोजना से न केवल यातायात व्यवस्था को सुधार मिलेगा, बल्कि शहर का बुनियादी ढांचा भी मजबूत होगा। हालांकि, जमीन अधिग्रहण, अतिक्रमण और पर्यावरण से जुड़े मुद्दों को हल करना सरकार के लिए चुनौती होगा। लेकिन अगर सब कुछ योजना के मुताबिक हुआ, तो आने वाले वर्षों में देहरादून के यातायात में एक बड़ा बदलाव देखने को मिलेगा।