देहरादून: नैनीताल हाई कोर्ट ने देहरादून के विकास नगर स्थित इनामुल उलूम सोसाइटी को अंतरिम राहत देते हुए राज्य सरकार को सोसाइटी द्वारा संचालित भवन की सील खोलने का निर्देश दिया है। हालांकि, कोर्ट ने यह शर्त रखी है कि याचिकाकर्ता बिना सरकारी मान्यता के कोई मदरसा संचालित नहीं करेगा।
न्यायमूर्ति रवींद्र मैठाणी की एकलपीठ ने सोसाइटी के अध्यक्ष जुबेर अहमद की याचिका पर सुनवाई की। याचिकाकर्ता ने दावा किया कि सरकार ने गैर-कानूनी तरीके से सोसाइटी के परिसर को सील कर दिया है। वहीं, राज्य सरकार का पक्ष रखते हुए महाधिवक्ता एसएन बाबुलकर ने बताया कि याचिकाकर्ता बिना मान्यता के मदरसा चला रहा था, जो नियमों का उल्लंघन है।
याचिकाकर्ता ने कोर्ट में दलील दी कि यदि सोसाइटी अपने उद्देश्यों से अलग कोई गतिविधि कर रही थी, तब भी बिना सुनवाई का मौका दिए संपत्ति को सील करना अनुचित है। वहीं, सरकार की ओर से तर्क दिया गया कि यदि सील खोली जाती है, तो याचिकाकर्ता फिर से इसी तरह की गतिविधियों में लिप्त हो सकता है।
इस पर याचिकाकर्ता ने कोर्ट को भरोसा दिया कि वह बिना मान्यता के मदरसा नहीं चलाएंगे। कोर्ट ने यह पाया कि बिना कारण बताओ नोटिस जारी किए संपत्ति को सील किया गया, जो उचित नहीं है। मामले की अगली सुनवाई 11 जून को होगी।