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13000 करोड़ की लागत से तैयार किया गया दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे अभी पूरी तरह से जनता के लिए खोला भी नहीं गया है और उससे पहले ही उसमें एक ‘मोटा चूहा’ अपना घर बना चुका है। सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो में देखा गया कि सड़क की सतह के किनारे एक बड़ा सा सुराख था, जो सीधे एक्सप्रेसवे के नीचे तक चला गया।
लोगों का कहना है कि यह किसी जानवर का नहीं, बल्कि भ्रष्टाचार और लापरवाही का बिल है।
क्या NHAI ने नहीं की गुणवत्ता की जांच?
सड़क बनाने में लगे करोड़ों रुपये, महीनों की मेहनत और बड़े-बड़े दावे… लेकिन क्या इस पूरे निर्माण में ज़रा भी ईमानदारी नहीं दिखाई गई? क्या NHAI और ठेकेदारों ने सिर्फ औपचारिकताएं पूरी कीं?
अगर एक चूहा इस सड़क को अंदर से खोखला कर सकता है, तो ज़रा सोचिए आने वाले वर्षों में यह हाईवे कितना टिकेगा?
परिवहन मंत्री जी और NHAI से निवेदन…
इस मामले ने न सिर्फ सड़क निर्माण की गुणवत्ता पर सवाल खड़े किए हैं, बल्कि पूरे सिस्टम की कार्यशैली पर भी उंगली उठाई है।
— अब ज़रूरत है कि प्रदेश के सभी चूहों को पकड़कर एक विशाल चूहेदानी में बंद किया जाए — चाहे वे सीमेंट में छेद करने वाले हों या सिस्टम में!
अब जरूरी है जवाबदेही और कार्रवाई
सरकार और संबंधित विभागों को चाहिए कि इस मामले की उच्चस्तरीय जांच कराएं, जिम्मेदार ठेकेदारों और अधिकारियों पर कड़ी कार्रवाई हो और भविष्य में गुणवत्ता से कोई समझौता न किया जाए।
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