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जनता दर्शन में गुहार लगाने पर डीएम ने लिया त्वरित संज्ञान, अधिकारियों को लगाई फटकार
देहरादून, उत्तराखंड सरकार के “जनसेवा सर्वोपरि” संकल्प और मा0 मुख्यमंत्री की प्रेरणा से जनता के विश्वास को मजबूती मिल रही है। इसी क्रम में देहरादून जिलाधिकारी सविन बंसल के दृढ़ नेतृत्व में प्रशासन ने एक और मानवता से जुड़ा सराहनीय कदम उठाया है।
नगर निगम देहरादून में पर्यावरण मित्र के पद पर नियमित नियुक्त स्व. सुरेंद्र सिंह की मृत्यु 17 अप्रैल 2025 को हो गई थी। उनकी पत्नी रेनू, जो दो बेटियों की मां हैं, पति की मौत के बाद से मृतक आश्रित कोटे से नौकरी की आस लिए दर-दर भटक रही थीं।
नगर निगम और तहसील कार्यालय में दस्तावेज़ सौंपने के बावजूद कोई कार्यवाही न होने से हताश रेनू ने 7 जुलाई को जनता दर्शन में जिलाधिकारी से न्याय की गुहार लगाई। डीएम ने मामले को गंभीरता से लेते हुए तुरंत नगर निगम अधिकारियों और तहसीलदार को तलब किया और नियुक्ति में हो रही देरी पर कड़ी नाराजगी जताई।
डीएम सविन बंसल ने स्पष्ट शब्दों में कहा –
“मृतक आश्रित कोटे से नौकरी रेनू का अधिकार है, इसमें कोई देरी या टालमटोल बर्दाश्त नहीं की जाएगी।”
उन्होंने एमएनए को तत्काल नियुक्ति की प्रक्रिया पूरी करने के निर्देश दिए और तहसील से आवश्यक आख्या नगर निगम को तत्काल भिजवाई गई। मात्र पांच दिन में सभी दस्तावेज़ पूर्ण कर लिए गए हैं और अब रेनू को शीघ्र ही नौकरी की नियुक्ति मिलने की उम्मीद है।
यह कार्रवाई न केवल प्रशासन की संवेदनशीलता को दर्शाती है, बल्कि जनसुनवाई की प्रभावशीलता का प्रमाण भी देती है।
हर सोमवार को आयोजित होने वाले जनता दर्शन कार्यक्रम में दूर-दराज से नागरिक अपनी समस्याएं लेकर पहुंचते हैं, जिनका तुरंत समाधान किया जा रहा है। अब राजस्व विभाग ही नहीं, अन्य विभागों, कंपनियों और संस्थाओं से जुड़ी शिकायतें भी प्रशासन के समक्ष आ रही हैं और उनका त्वरित समाधान सुनिश्चित किया जा रहा है।
मुख्य बिंदु:
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पति की मृत्यु के बाद मृतक आश्रित कोटे से नौकरी के लिए संघर्ष कर रही थीं रेनू
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जनता दर्शन में गुहार लगाई, डीएम ने तुरंत लिया संज्ञान
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निगम व तहसील से पांच दिन में दस्तावेज़ी प्रक्रिया पूर्ण
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डीएम ने कहा – “नियुक्ति में देरी अस्वीकार्य, विधवा को अधिकार मिले”
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अब रेनू को जल्द नौकरी मिलने की आस
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