पीड़ित दंपत्ति ने न्याय की गुहार लेकर डीएम सविन बंसल के जनता दर्शन कार्यक्रम में अपनी व्यथा सुनाई।
डीएम ने मामले को गंभीरता से लेते हुए दोनों बेटों के खिलाफ गुण्डा घोषित करने की न्यायिक कार्रवाई शुरू कर दी है। साथ ही दोनों को 25 नवंबर को जिलाधिकारी न्यायालय में उपस्थित होने के आदेश जारी किए हैं।
जनता दर्शन में सुनी गई पीड़ा, डीएम ने दिया तुरंत आदेश
10 नवंबर को आयोजित जनता दर्शन कार्यक्रम में बुजुर्ग गीता और उनके पति राजेश ने जिलाधिकारी सविन बंसल से मुलाकात की थी। उन्होंने बताया कि उनके दो बेटे शराब पीकर आते हैं, मारपीट करते हैं और घर से निकाल देते हैं।
गीता कैंसर से पीड़ित हैं, लेकिन इसके बावजूद दोनों बेटे माता-पिता के साथ दुर्व्यवहार करते हैं। परेशान होकर बुजुर्ग दंपत्ति किराए के मकान में रहने को मजबूर हैं।
डीएम ने उनकी शिकायत सुनते ही दोनों बेटों को नोटिस जारी कर न्यायालय में पेश होने का आदेश दिया और गुण्डा एक्ट के तहत कार्रवाई की प्रक्रिया शुरू कर दी।
“बुजुर्गों के सम्मान से समझौता नहीं होगा” — डीएम सविन बंसल
जिलाधिकारी सविन बंसल ने कहा कि
“बुजुर्गों के सम्मान और सुरक्षा से कोई समझौता नहीं किया जाएगा।
ऐसे मामलों में तुरंत न्यायिक कार्रवाई कर पीड़ितों को राहत दी जा रही है।”
उन्होंने बताया कि प्रशासन को लगातार ऐसे कई मामले प्राप्त हो रहे हैं, जिनमें बच्चे अपने माता-पिता के साथ दुर्व्यवहार कर रहे हैं या भरण-पोषण से इनकार कर रहे हैं।
डीएम कार्यालय द्वारा ऐसे मामलों पर त्वरित एक्शन लेते हुए बुजुर्गों को राहत और सुरक्षा दिलाई जा रही है।
प्रशासन की पहल से कई घर टूटने से बचे
डीएम सविन बंसल की पहल से ऐसे कई मामलों में परिवारों के बीच समझौता और पुनर्मिलन भी हुआ है।
कई मामलों में जहां शांति भंग करने या भरण-पोषण न देने की शिकायतें आईं, जिलाधिकारी ने कानूनी कार्रवाई के साथ समझौते के विकल्प भी दिए।
इससे न केवल पीड़ितों को राहत मिली, बल्कि कई परिवार टूटने से भी बच गए।










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