ब्यूरो न्यूज़ उत्तराखंड ब्रॉडकास्ट
उत्तराखंड में लगातार पहाड़ों पर बने स्कूलों की जर्जर बिल्डिंगों में पढ़ाई कर रहें बच्चो की तस्वीरें वीडियो लगातार वायरल होते हैं, पहाड़ों पर कई वर्ष पूर्व बने स्कूलों के हालात अब बहुत बुरे हैं क्योंकि उनकी जर्जरता का कारण हैं अधिकारियों का स्कूलों में भ्रमण बंद होना।
पहाड़ तो चलिए दुर्गम हैं लेकिन शिक्षा अधिकारियों की कार्यशैली और लापरवाही का पता सुगम इलाकों में संचालित स्कूल की बिल्डिंग देख भी लगाया जा सकता हैं,इसके लिए आपको ज्यादा दूर नहीं हल्द्वानी शहर से लगभग 8 किलोमीटर और खंड शिक्षा अधिकारी कर्यालय से भी लगभग इतना ही दूर राजकीय इंटर कालेज हरिपुर जमन सिंह आना होगा।
ये दुर्गम सुगम का खेल ट्रांसफर में तो खूब चलता है हर अधिकारी सुगम में ही काम करना चाहता हैं क्योंकि दुर्गम में सुख सुविधाओं का अभाव हैं,लेकिन आज शिक्षा सचिव मंत्री सहित सरकार को देखना चाहिए की सुगम में बैठे अधिकारी भी अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन ठीक से नहीं कर रहें,जबकि बरसात के समय इन अधिकारियों को अपने कार्यक्षेत्र में पड़ने वाले सभी स्कूलों की बिल्डिंग को देखना था क्योंकि यही समय है जब यह आसानी से पता लगाया जा सकता है कि स्कूल के कौन-कौन से कमरे टपक रहे हैं,किन कमरों की छत कभी भी गिर सकती है कोई बड़ा हादसा हो सकता है,आखिर क्यों यह अधिकारी किसी बड़े हादसे का इंतजार ही करते हैं?
यह तस्वीर राजकीय इंटर कॉलेज हरिपुर जमन सिंह की है जहां इंटर कॉलेज के कुछ कमरे की छतें टपकने लगी है उनका सीमेंट गिर चुका है सरिया सामने से नजर आने लगी है इन्हीं जर्जर छतों के नीचे बैठकर बच्चे पढ़ाई कर रहे हैं कभी भी कोई बड़ा हादसा हो सकता है और शायद तभी हमारे शिक्षा विभाग में बैठे अधिकारी और शासन प्रशासन के लोग जागेंगे और उसके बाद प्रत्येक बच्चे की एक कीमत मुआवजे के रूप में तय कर दें।
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