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विकासनगर – प्रदेश में हो रहे कथित फर्जी एनकाउंटरों को लेकर जन संघर्ष मोर्चा ने राज्य सरकार पर तीखा प्रहार किया है। मोर्चा अध्यक्ष एवं जीएमवीएन के पूर्व उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि प्रदेश में कानून व्यवस्था नाम की कोई चीज नहीं बची है और सरकार द्वारा खुद ही न्याय का फैसला करने का प्रयास किया जा रहा है।
नेगी ने भाजपा के एक दायित्वधारी विश्वास डाबर के वायरल वीडियो का हवाला देते हुए कहा कि इसमें वे यह दावा कर रहे हैं कि जिन व्यक्तियों के खिलाफ आपराधिक मुकदमे दर्ज हैं, चाहे वे ज़मानत पर ही क्यों न हों, उन्हें प्रदेश से बाहर कर दिया जाएगा। वीडियो में डाबर यह तक कहते नजर आ रहे हैं कि “अगर कोई नहीं जाएगा तो उसे गोली मार दी जाएगी,” और अब तक कई लोगों को सरकार ने पैर में गोली मार भी दी है।
नेगी ने सवाल उठाया कि अगर यही कानून का मापदंड है, तो फिर भाजपा के कई मंत्री, विधायक, और अन्य राजनीतिक पदाधिकारी जो किसी न किसी मामले में आरोपी हैं या ज़मानत पर हैं, क्या उन्हें भी प्रदेश से बाहर किया जाएगा और उनके पैरों में भी गोली मारी जाएगी?
उन्होंने कहा कि यदि सरकार ऐसे बयानों को गंभीरता से नहीं लेती और संबंधित व्यक्ति पर कार्रवाई नहीं करती, तो यह स्पष्ट संकेत है कि प्रदेश में अब न्यायालयों की कोई आवश्यकता नहीं बची और सरकार खुद ही जज बन बैठी है।
नेगी ने विश्वास डाबर पर एक और गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि उन्होंने अपने निजी फायदे के लिए एक प्रतिष्ठित स्कूल की लीज डीड समाप्त करवाने की साजिश रची थी ताकि अपने होटल के लिए पार्किंग की जगह बनाई जा सके, लेकिन उस स्कूल की ऊंची पहुंच के चलते सरकार को बैकफुट पर आना पड़ा था।
नेगी ने कहा कि मोर्चा इस पूरे प्रकरण को लेकर माननीय न्यायालय की शरण में जाएगा और सरकार की कार्यशैली के खिलाफ कानूनी कार्यवाही करेगा। उन्होंने राजभवन पर भी सवाल उठाए कि वह इस पूरे मामले में चुप्पी साधे हुए है, जबकि लोकतंत्र में उसकी भूमिका निष्पक्ष और सजग रहने की होनी चाहिए।
इस पत्रकार वार्ता में विजयराम शर्मा और दिलबाग सिंह भी मौजूद रहे।











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