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देहरादून।
उत्तराखंड वन विभाग द्वारा विकसित किया गया Forest Fire Uttarakhand App अब राष्ट्रीय स्तर पर पहचान बना रहा है। इस एप्लीकेशन की मदद से राज्य में वनाग्नि (Forest Fire) की घटनाओं पर समय रहते नियंत्रण पाया जा रहा है। यही कारण है कि देश के कई राज्य अब इस टेक्नोलॉजी को अपनाने के इच्छुक हैं। इतना ही नहीं, Forest Survey of India (FSI) जैसी राष्ट्रीय नोडल एजेंसी ने भी इस एप्लीकेशन के तकनीकी पहलुओं की जानकारी राज्य सरकार से मांगी है।
🔥 IFS वैभव सिंह की पहल से बना यह इनोवेटिव एप
इस एप की नींव रखी थी उत्तराखंड के IFS अधिकारी वैभव सिंह ने, जिन्होंने 2020 से 2022 के बीच रुद्रप्रयाग डिवीजन में DFO रहते हुए इसका पायलट प्रोजेक्ट लॉन्च किया था। इसकी सफलता के बाद 2025 में इसे पूरे राज्य में लागू कर दिया गया।
🌍 दूसरे राज्यों और संस्थानों में बढ़ी एप की डिमांड
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Forest Survey of India ने राज्य वन विभाग से इस एप की कार्यप्रणाली की डिटेल जानकारी मांगी है।
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हिमाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर जैसे पर्वतीय राज्यों ने भी एप को अपनाने में रुचि दिखाई है।
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दक्षिण भारत के कुछ राज्यों ने मौखिक रूप से इसके फीचर्स को जानने की कोशिश की है।
📲 कैसे करता है Forest Fire App काम?
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यह एप सेटेलाइट डेटा के माध्यम से फॉरेस्ट एरिया में आग लगने की घटनाओं को ट्रैक करता है।
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FSI से मिलने वाले अलर्ट सीधे संबंधित वनकर्मियों को भेजे जाते हैं, जिससे 6 से 7 घंटे पहले ही मौके पर कार्रवाई हो जाती है।
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SMS या विभागीय सूचना का इंतजार नहीं करना पड़ता, जिससे त्वरित रेस्पॉन्स संभव होता है।
💰 कम लागत, बड़ा लाभ: केवल 4 से 5 लाख में तैयार हुआ एप
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यह एप वैभव सिंह ने University of British Columbia में फेलोशिप के दौरान इंटरनेशनल एक्सपर्ट्स के साथ मिलकर तैयार किया।
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एप के 35 से अधिक वर्जन टेस्ट किए गए।
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इसका विकास 4 से 5 लाख रुपये में हुआ, जो किसी सरकारी टेक्नोलॉजी इनोवेशन के लिए बेहद किफायती है।
🌐 अंतरराष्ट्रीय रिसर्च में भी शामिल होंगे वैभव सिंह
उत्तराखंड सरकार ने IFS वैभव सिंह को University of Coimbra (कोइम्ब्र), पुर्तगाल में आयोजित होने वाले रिसर्च प्रोग्राम में शामिल होने की अनुमति दी है। वहां वे एप के अपडेट व फॉरेस्ट फायर मैनेजमेंट से जुड़े रिसर्च को साझा करेंगे।
✅ Forest Fire Uttarakhand App क्यों है खास?
विशेषताएं | लाभ |
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सेटेलाइट आधारित मॉनिटरिंग | रीयल टाइम अलर्ट और डेटा उपलब्धता |
सीधा वनकर्मियों तक सूचना | तुरंत एक्शन और आग पर नियंत्रण |
सस्ते में तकनीकी समाधान | दूसरे राज्यों के लिए मॉडल तैयार |
रिसर्च-आधारित विकास | इंटरनेशनल स्तर पर मान्यता प्राप्त |
📌 निष्कर्ष
उत्तराखंड का Forest Fire App अब सिर्फ एक राज्य की जरूरत नहीं, बल्कि राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर वन प्रबंधन का एक आदर्श बन चुका है। वैभव सिंह और उनकी टीम का यह नवाचार अब दूसरे राज्यों के लिए भी प्रेरणा बन रहा है। अगर देशभर में इस तकनीक को अपनाया गया, तो वनाग्नि की घटनाओं में निश्चित ही कमी लाई जा सकती है।
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