ब्यूरो न्यूज़ उत्तराखंड ब्रॉडकास्ट
गंगोलीहाट राजीव गांधी नवोदय विद्यालय में संचालित कैंटीन द्वारा छात्र छात्राओं को परोसे जा रहें खाने की गुणवत्ता पर बीते दिनों जनपद के प्रशानिक अधिकारियों ने सवाल खड़े किए थे,जिसे प्रिंट मीडिया ने प्रमुखता से जगह दी थी और बताया था कि पनीर और मिट के टुकड़े खाने से गायब हैं।
हमने भी इस खबर और छापेमारी को गंभीरता से लिया और पड़ताल करनी शुरू की तो पता चला कैंटीन में लंबे समय से टेंडर नहीं हुआ हैं,और जो कैंटीन वर्तमान में भोजन परोस रही हैं उसके प्रतिदिन प्रति छात्र 72 रुपया मिलता हैं,जिसके बदले कैंटीन संचालक को सवेरे नाश्ते में आलू भरवा पराठा,दोपहर में पूरी पौष्टिक थाल रोटी सब्जी चावल दाल सलाद और फिर रात्रि के भोजन में भी यही थाल परोसनी होती हैं।
अब सवाल यह हैं जहां एक तरफ आज सब्जियों के दाम दालों के जितने महंगे हैं ऐसे में जो मांग छात्रावास में खाने की हैं इसे आखिर किस तरह कैंटीन संचालक पूरा करेगा और किस हद तक कर पाएगा।
खाने की गुणवत्ता पर तो प्रशासनिक अधिकारियों,मीडिया बंधुओं और विधायक जी ने खड़े कर दिए पर क्या वह इसके कारण पर भी गए,क्या विधायक जी और प्रशासनिक अधिकारियों का इतना खाना प्रतिदिन 72 रुपए में तैयार हो जाता होगा?
आखिर जब अन्य जगहों पर उक्त भोजन का रेट प्रतिदिन प्रति छात्र 150 रुपए जो गया हैं तो इस विद्यालय की कैंटीन के नए टेंडर आखिर किन कारणों से नहीं हो रहें?
इस छापेमारी के बाद ठेकेदार को मिलने वाले असल मूल्य के बाद लगता हैं ये विभाग का रूटीन निरीक्षिण था जबकि जरूरत हैं ऐसी घटना के पीछे जो कारण हैं उसके प्रति अधिकारी और शिक्षा मंत्रालय गंभीर हो।
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