9 से 11 जनवरी तक होगा भव्य त्रिदिवसीय आयोजन
समिति ने पौष-माघ तिथि के अनुसार 9 से 11 जनवरी तक देहरादून में त्रिदिवसीय घंटाकर्ण कथा आयोजित करने का सर्वसम्मति से निर्णय लिया।
कार्यक्रम के लिए टिहरी नगर के सामुदायिक भवन के पार्क को आयोजन स्थल के रूप में चुना गया, जिससे अधिक से अधिक श्रद्धालु आराम से शामिल हो सकें और पूरे क्षेत्र में आध्यात्मिक वातावरण बन सके।
देश-विदेश से पहुँचेंगे मंदिर व्यवस्थापक और पुजारी
बैठक में तय किया गया कि
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उत्तराखंड के सभी घंटाकर्ण मंदिरों के व्यवस्थापकों और पुजारियों से औपचारिक संपर्क किया जाएगा।
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दिसंबर के पहले या दूसरे सप्ताह में एक संयुक्त बैठक आयोजित की जाएगी जिसमें सभी प्रतिनिधि कार्यक्रम की रूपरेखा, सहयोगी व्यवस्थाएँ और भक्तों की सुविधा पर विस्तृत चर्चा करेंगे।
प्रसिद्ध कथावाचक दिनेश सिमल्टी करेंगे कथा वाचन
समिति ने घोषणा की कि मलेशिया प्रवास से प्रसिद्ध कथावाचक दिनेश सिमल्टी इस त्रिदिवसीय कथा का वाचन करेंगे।
उनकी कथा शैली, लोकप्रियता और धार्मिक ज्ञान के कारण आयोजन में बड़ी संख्या में भक्तों के जुटने की उम्मीद है।
भक्तों के लिए विशेष स्मृति कैलेंडर
समिति ने भक्तों के लिए एक विशेष निर्णय लेते हुए बताया कि इस अवसर पर घंटाकर्ण कैलेंडर प्रकाशित किया जाएगा, जिसे सभी श्रद्धालुओं को भेंट किया जाएगा।
साथ ही, स्वागत के लिए आकर्षक पट्टे और सजावट तैयार की जाएगी, जिससे आयोजन की सांस्कृतिक गरिमा और भी बढ़ सके।
युवा सहभागिता और सांस्कृतिक कार्यक्रमों पर भी सहमति
बैठक केवल कथा तक सीमित नहीं रही। समिति ने भविष्य की सामाजिक और सांस्कृतिक गतिविधियों पर भी महत्वपूर्ण निर्णय लिए:
मुख्य निर्णय
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युवाओं को मंच देने और समाज में रचनात्मकता बढ़ाने के लिए नियमित सांस्कृतिक, धार्मिक और सामाजिक कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।
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आयोजन संचालन के लिए एक स्थायी स्वागत मंच गठित किया जाएगा।
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स्थानीय स्तर पर जनसंपर्क अभियान चलाया जाएगा, जिससे अधिक लोग जुड़ सकें और आयोजन की जानकारी हर वर्ग तक पहुँच सके।
सभी सदस्यों ने इस आयोजन को उत्तराखंड की लोकसंस्कृति, धार्मिक परंपरा और सामुदायिक एकता को मजबूत करने वाला बताया। उन्होंने कहा कि भगवान घंटाकर्ण की कथा केवल आस्था का विषय नहीं, बल्कि समाज को जोड़ने का माध्यम भी है।
समिति ने भक्तों से की सहभागिता की अपील
बैठक के अंत में समिति ने सभी सदस्यों का धन्यवाद किया और जनता से आग्रह किया कि वे अधिक से अधिक संख्या में जुड़कर इस पवित्र आयोजन को सफल बनाएं।
भक्तों का मानना है कि यह कार्यक्रम उत्तराखंड की आस्था, परंपरा और सांस्कृतिक विरासत को नई ऊँचाइयों पर ले जाएगा।
बैठक में उपस्थित प्रमुख सदस्य
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सुशांत गैरोला (अध्यक्ष)
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प्रशांत नौटियाल (उपाध्यक्ष)
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शौर्य गैरोला (सचिव)
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वैभव खंडूरी (उप सचिव)
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दीपक बिजल्वाण (कोषाध्यक्ष)
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बुद्धि सिंह रावत
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हरीश बिजल्वाण
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अनिरुद्ध सजवाण
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महेश बिजल्वाण
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सुधीर बिजल्वाण
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आशीष नौटियाल
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राहुल सजवाण
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अमित बडोनी
सभी ने एक स्वर में भगवान घंटाकर्ण की महिमा को जन-जन तक पहुँचाने और उत्तराखंड की गौरवपूर्ण परंपरा को नई पहचान देने का संकल्प लिया।













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