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कोरबा जिले के मुढ़ुनारा गांव में सरकारी जमीन में गड़बड़ी करने के मामले में कलेक्टर अजीत वसंत ने कड़ा एक्शन लिया है। तत्कालीन पटवारी गोविंद राम कंवर की दो वेतन वृद्धि रोकने के साथ ही उन्हें हरदीबाजार तहसील में अटैच कर दिया गया है। वर्तमान में वे पटवारी हल्का नंबर 11 उतरदा में पदस्थ थे।
कैसे हुआ घोटाला?
मुढ़ुनारा गांव के खसरा नंबर 255 और रकबा 2.400 हेक्टेयर की जमीन मिसल बंदोबस्त में किसी के नाम दर्ज नहीं थी। पुराने अभिलेखों के अनुसार, 1954-55 में यह भूमि केवल 0.202 हेक्टेयर थी, लेकिन 2021-22 से 2025-26 के रिकॉर्ड में इसका रकबा 2.400 हेक्टेयर हो गया। यानी लगभग 2.198 हेक्टेयर जमीन की अवैध वृद्धि कर दी गई।
जमीन की हेराफेरी कैसे हुई?
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इस अतिरिक्त जमीन को राम सिंह पिता नान्नी के नाम दर्ज कर दिया गया, लेकिन किस आधार पर यह हुआ, इसका कोई रिकॉर्ड नहीं मिला।
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राम सिंह ने यह जमीन गोविंद अग्रवाल (रायपुर) को बेच दी।
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तहसीलदार ने नामांतरण के दौरान गड़बड़ी पकड़ ली, जिसके बाद एसडीएम कोरबा ने मामले की जांच की।
पटवारी पर गिरी गाज
जांच में घोटाला सामने आने के बाद पटवारी गोविंद राम कंवर को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया। उनका जवाब असंतोषजनक पाए जाने पर कलेक्टर ने उनकी दो वेतन वृद्धि रोकने का आदेश दिया।
सरकारी जमीनों में गड़बड़ी करने वालों के खिलाफ प्रशासन का यह एक सख्त संदेश है कि लापरवाही और हेरफेर करने वालों पर कठोर कार्रवाई की जाएगी।
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