देहरादून। राजधानी देहरादून में बन रही बहुचर्चित ग्रीन बिल्डिंग परियोजना एक बार फिर सुर्खियों में है। इस महत्वाकांक्षी सरकारी भवन निर्माण कार्य में लगातार लापरवाही के मामले सामने आ रहे हैं। शनिवार को खनन विभाग की टीम ने साइट पर छापेमारी की, जहां अवैध रूप से मिट्टी की खुदाई और उसी मिट्टी का निर्माण कार्य में उपयोग किए जाने की पुष्टि हुई।
सूत्रों के मुताबिक, विभाग को पिछले कुछ समय से इस परियोजना में नियमों के उल्लंघन की शिकायतें मिल रही थीं। जब खनन अधिकारी नवीन के नेतृत्व में टीम मौके पर पहुंची, तो पाया गया कि बड़ी पोकलैंड मशीनों से जमीन की खुदाई की जा रही थी और निकाली गई मिट्टी को वहीं पर निर्माण कार्य में इस्तेमाल किया जा रहा था। यह सीधा नियमों का उल्लंघन माना गया।
अधिकारियों ने मौके पर ही कार्रवाई करते हुए कार्यदायी संस्था और ठेकेदार पर ₹5 लाख का जुर्माना लगाया, जिसे वहीं पर जमा करवाया गया। साथ ही एक पोकलैंड मशीन को सीज कर लिया गया। विभाग ने यह भी स्पष्ट किया कि यदि दोबारा इस तरह की गतिविधि पाई गई तो सख्त कार्रवाई की जाएगी।
खनन अधिकारी ने बताया कि यह पहली बार नहीं है जब इस परियोजना से संबंधित शिकायतें सामने आई हों। इससे पहले भी निर्माण में लापरवाही और नियमों के उल्लंघन के मामले दर्ज किए जा चुके हैं।
गौरतलब है कि राजधानी में एक ही छत के नीचे सभी सरकारी विभागों को लाने के उद्देश्य से यह अत्याधुनिक ग्रीन बिल्डिंग तैयार की जा रही है। लगभग 206 करोड़ रुपये की लागत से बन रही इस इमारत में 800 वाहनों की पार्किंग सुविधा भी प्रस्तावित है।
हालांकि परियोजना को अक्टूबर 2025 तक पूरा किया जाना था, लेकिन अब तक केवल 30 प्रतिशत कार्य ही पूरा हो सका है। इससे न केवल निर्माण की गुणवत्ता पर सवाल उठ रहे हैं, बल्कि परियोजना की समयबद्धता पर भी संदेह गहराता जा रहा है।












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