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हल्द्वानी, नैनीताल : उत्तराखंड के हल्द्वानी शहर में ज़मीन घोटाले का एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है, जिसमें भू-माफिया ने विभागीय मिलीभगत से सार्वजनिक सड़क की ज़मीन को प्लॉटिंग कर 9 अलग-अलग लोगों को बेच डाला। मामला तब सामने आया जब एक सैनिक अपनी ज़मीन देखने पहुंचा और पाया कि उसकी ज़मीन किसी और के नाम रजिस्टर्ड है — जबकि हकीकत में वह भूमि तो सड़क है।
क्या है मामला?
मामला हल्द्वानी के मुखानी थाना क्षेत्र का है। यहां सेना के जवान ने वर्ष 2011 में मुखानी के रामड़ी आनसिंह क्षेत्र में एक प्लॉट अपनी पत्नी के नाम खरीदा था। लगभग 1900 वर्ग फीट की इस ज़मीन की बाकायदा रजिस्ट्री करवाई गई और चारदीवारी भी करा दी गई थी। सैनिक हर बार छुट्टी में आकर ज़मीन देखा करता था।
लेकिन इस बार जब वो छुट्टी में आया, तो देखा कि प्लॉट पर किसी और ने तारबाड़ कर रखी है। पड़ताल की गई तो पता चला कि वही ज़मीन अब किसी ‘तरुणा वर्मा’ नामक महिला के नाम दर्ज है। सैनिक ने जब खेत संख्या (Plot Number) के आधार पर ज़मीन का मिलान किया, तो पता चला कि कुल 9 लोगों को इसी तरह की ज़मीन बेची गई है, और असल में ये ज़मीन तो सड़क की भूमि है।
14 साल बाद खुला फ्रॉड का राज
इस धोखाधड़ी को 14 साल बाद जाकर सैनिक ने पहचाना। जब उसने इस संबंध में जानकारी ली, तो स्थानीय पटवारी ने बताया कि यह जगह सरकारी रिकॉर्ड में सड़क के रूप में दर्ज है, न कि आवासीय भूमि के रूप में।
इस खुलासे के बाद सैनिक ने भू-माफिया और प्रॉपर्टी डीलर हेम चन्द्र जोशी और उसके भाई सुरेश चन्द्र जोशी से संपर्क किया, लेकिन बात नहीं बनी। इसके बाद मामला कुमाऊं कमिश्नर दीपक रावत की जनसुनवाई में पहुंचा।
पुलिस ने दर्ज किया मुकदमा
कुमाऊं कमिश्नर के निर्देश पर मुखानी थाना पुलिस ने प्रॉपर्टी डीलरों के खिलाफ धोखाधड़ी और लैंड फ्रॉड का मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। थाना प्रभारी दिनेश जोशी के अनुसार, सभी संबंधित दस्तावेजों की छानबीन की जा रही है और दोषियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
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